किसानों को झटका, 48 हजार खाता धारकों के नंबर निकले गलत, नहीं मिलेगी रकम

समीक्षा बैठक के दौरान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मेरी फसल, मेरा ब्योरा पोर्टल पर 48 हजार किसानों के खाता नंबर गलत पाए गये हैं, इस वजह से उनके खातों में रकम की अदायगी नहीं हो पाई।

Update:2020-11-14 12:12 IST
इस रिपोर्ट के जरिये बिहार में हत्या के कई कारणों का पता चला हैं। डकैती के दौरान 26 लोगों की हत्या कर दी गई, जबकि 15 लोगों का डायन बताकर मार डाला गया।

नई दिल्ली: किसानों से जुड़ी से एक बड़ी खबर आ रही है। 48 हजार किसानों के बैंक खाता नंबर गलत निकले हैं। इस वजह से इन्हें फसल खरीद की अदायगी नहीं हो पा रही है।

गलत खाता संख्या के कारण चेक कैश नहीं हो रहे। किसान इसको लेकर अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। ये पूरा मामला हरियाणा का है।बता दें कि गठबंधन सरकार ने किसानों से खरीदी गई फसल की अदायगी दिवाली से पहले करने का वादा किया था।

शुक्रवार को कितने किसानों के खाते में राशि गई, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने इसकी समीक्षा की। इस दौरान ये बात निकलकर सामने आई।

खेत में खाद का छिड़काव करते किसान की फोटो(सोशल मीडिया)

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मेरी फसल, मेरा ब्योरा पोर्टल पर 48 हजार किसानों के खाता नंबर गलत

समीक्षा बैठक के दौरान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मेरी फसल, मेरा ब्योरा पोर्टल पर 48 हजार किसानों के खाता नंबर गलत पाए गये हैं, इस वजह से उनके खातों में रकम की अदायगी नहीं हो पाई।

इसलिए अब फोन और एसएमएस द्वारा किसानों को इस बारें में सूचना दी जा रही है। उन्हें दोबारा से बैंक खाते से जुड़ी जानकारी ठीक तरह से भरवाई जाएगी।

पीके दास ने बताया कि हरियाणा में साढ़े 7 से 8 लाख किसान पंजीकृत हैं। जिसमें से 4 लाख की पेमेंट आढ़तियों के माध्यम से, जबकि साढ़े तीन लाख की सीधी खातों में हुई है।

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खेत में खाद का छिड़काव करते किसान की फोटो(सोशल मीडिया)

तीन दिन से देरी करने वाले आढ़तियों से ब्याज वसूला जाएगा

साढ़े तीन लाख किसानों में से 48 हजार की खाते से जुड़ी जानकारी गलत पाई गई है। धान खरीद की पॉलिसी में आढ़तियों को कहा गया है कि उनके खातों में पेमेंट आने के तीन दिनों में किसानों को अदायगी करनी होगी। तीन दिन से देरी करने वाले आढ़तियों से ब्याज वसूलकर किसानों को दिया जाएगा।

बताते चलें कि हरियाणा में अभी तक 54 लाख मीट्रिक टन धान सरकार खरीद चुकी है। इस बार 55 से 56 लाख मीट्रिक टन धान खरीद हो सकती है। पूर्व की तुलना में इस बार लगभग आठ लाख टन कम धान खरीद होने का अनुमान है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार व्यापारियों से खरीद नहीं की जा रही है।

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