खट्टर सरकार खतरे मेंः कांग्रेस ने दिया अविश्वास प्रस्ताव, चौटाला भी मुश्किल में फंसे

कांग्रेस की इस घोषणा से राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी मुश्किल में फंस गए हैं क्योंकि उनकी पार्टी के कई विधायक किसानों की मांगों का समर्थन करने का दबाव बनाने बना रहे हैं।

Update: 2021-02-26 05:57 GMT
खट्टर सरकार खतरे मेंः कांग्रेस ने दिया अविश्वास प्रस्ताव, चौटाला भी मुश्किल में फंसे (PC: social media)

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ तेज होते किसान आंदोलन के बीच हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। किसानों के मुद्दों को लेकर विपक्षी दल लगातार खट्टर सरकार की घेरेबंदी में जुटे हुए हैं। इस बीच कांग्रेस ने खट्टर सरकार के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने का एलान करके सरकार को और मुश्किलों में डाल दिया है।

ये भी पढ़ें:बंगाल: कोयला घोटाला और पशु तस्करी मामले में कोलकाता, आसनसोल समेत कई जगहों पर ED की छापेमारी

कांग्रेस की इस घोषणा से राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी मुश्किल में फंस गए हैं क्योंकि उनकी पार्टी के कई विधायक किसानों की मांगों का समर्थन करने का दबाव बनाने बना रहे हैं। ऐसे में हर किसी की नजर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान चौटाला की पार्टी जजपा के विधायकों के रुख पर टिकी हुई है।

congress-party-flag (PC: social media)

कांग्रेस लाएगी अविश्वास प्रस्ताव

कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा के किसान संगठन पहले से ही काफी सक्रिय हैं और इन किसान संगठनों के रुख से खट्टर सरकार पहले ही मुसीबत में फंसी हुई है। ऐसे में कांग्रेस ने 5 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के पहले दिन अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की है। अविश्वास प्रस्ताव पर मंजूरी का फैसला विधानसभा अध्यक्ष को करना है।

चौटाला को लेना होगा बड़ा फैसला

प्रदेश कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि यदि अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा को किसानों के मुद्दे पर आर या पार का फैसला लेना होगा। अगर जजपा ने सरकार का साथ दिया तो इससे साफ हो जाएगा कि वह किसानों के साथ नहीं है। दूसरी ओर किसानों का साथ देने पर जजपा को खट्टर सरकार का साथ छोड़ना होगा।

किसानों के समर्थन में जजपा के कई विधायक

कांग्रेस की इस घोषणा से जजपा के मुखिया दुष्यंत चौटाला की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। चौटाला हमेशा किसानों के मुद्दों पर मुखर रहे हैं और किसानों के रहनुमा होने का दावा करते रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जजपा को जाट किसानों का भरपूर समर्थन मिला था। यही कारण है कि जजपा के कई विधायक किसानों की मांगों के साथ सहानुभूति जताते रहे हैं।

सरकार का साथ देना आसान नहीं

ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार का साथ देना जजपा विधायकों के लिए आसान काम नहीं होगा। पार्टी के विधायकों को एकजुट बनाए रखने के लिए दुष्यंत चौटाला काफी मेहनत कर रहे हैं मगर अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर यह एकजुटता बिखर भी सकती है। जजपा विधायकों के सरकार विरोधी रुख से खट्टर सरकार का बने रहना भी मुश्किल हो जाएगा।

किसानों का गुस्सा भुनाने में जुटी कांग्रेस

दरअसल किसानों का आंदोलन हरियाणा में बड़ा सियासी मुद्दा बन चुका है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दावा करते रहे हैं कि भाजपा सरकार किसानों की हितेषी है और नए कानून में किसानों के खिलाफ कुछ भी नहीं है। उनका यह भी कहना है कि सरकार वार्ता के जरिए किसानों की आशंकाओं को दूर करने के लिए तैयार है मगर किसान संगठन नए कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े हुए हैं।

कांग्रेस किसानों के इस गुस्से को भुनाने की कोशिश में जुट गई है। पार्टी की कोशिश है कि इस मुद्दे को लेकर जजपा और भाजपा में मतभेद पैदा हो जाएं ताकि खट्टर सरकार गिर जाए।

farmer (PC: social media)

ये भी पढ़ें:स्टेशन पर धमाका: ट्रेन में मिला भारी मात्रा में विस्फोटक, केरल में खूनी साजिश

पिछले चुनाव में मिला था समर्थन

पिछले चुनाव में तो भाजपा और जजपा को जाट मतदाताओं का समर्थन हासिल हुआ था मगर नए चुनाव की स्थिति में किसान संगठनों की नाराजगी को देखते हुए इन दोनों दलों को जाट मतदाताओं का समर्थन मिलना काफी मुश्किल दिख रहा है। ऐसे में कांग्रेस के बड़े सियासी दांव से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला दोनों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News