खुल गया दरगाह: आसान नहीं निजामुद्दीन में जाना, अब कदम रखना होगा संभालकर

निजामुद्दीन दरगाह में किसी को भी बिना मास्क के एंट्री नहीं दी जाएगी। इसके अलावा दरगाह में किसी तरह का बैग या सामान भी नहीं ले जाने की इजाजत होगी।

Update: 2020-09-06 04:36 GMT
6 महीने की बंदी के बाद आज से फिर दिल्ली का हजरत निजामुद्दीन की दरगाह खुल गया।  कोरोना संकट के चलते देशभर के धार्मिक स्थलों पर ताला लग गया था,

नई दिल्ली: 6 महीने की बंदी के बाद आज से फिर दिल्ली का हजरत निजामुद्दीन की दरगाह खुल गया। कोरोना संकट के चलते देशभर के धार्मिक स्थलों पर ताला लग गया था, अब धीरे-धीरे खोला जा रहा है। दिल्ली स्थित मुस्लिम संत हजरत निजामुद्दीन की दरगाह खुलने के साथ ही दरगाह में आने वाले श्रद्धालुओं को कुछ खास नियमों का पालन करना होगा।

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इन नियमों का पालन जरूरी

दरगाह में आने वालों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क (Mask) पहनने जैसे नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। दरगाह सुबह 5 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुलेगा। बता दें कि मार्च में तबलीगी जमात मुख्यालय के कोविड-19 (Covid-19) अस्पताल के रूप में सामने आने के बाद दरगाह के आस-पास का इलाका पहले कंटेनमेंट जोन में था।

 

सोशल मीडिया से

 

 

 

छह फीट की दूरी जरूरी

दरगाह में दाखिल होने वाले लोगों को एक दूसरे से कम से कम छह फीट की दूरी बनाकर रहना होगा। प्रवेश करने के बाद एक व्यक्ति को 15 मिनट से ज्यादा अंदर नहीं रुकने दिया जाएगा। दरगाह के अंदर हाथों को अच्छे से सैनिटाइज करने के लिए भी विशेष स्थान बनाए गए हैं। 10 साल से कम और 65 साल से ज्यादा आयु के लोगों को भी दरगाह में प्रवेश नहीं होगा।

 

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मास्क जरूरी

दरगाह में किसी को भी बिना मास्क के एंट्री नहीं दी जाएगी। इसके अलावा दरगाह में किसी तरह का बैग या सामान भी नहीं ले जाने की इजाजत होगी। दरगाह प्रबंधन के मुताबिक, धार्मिक स्थल पर किसी भी व्यक्ति को अंदर बैठने या प्रतीक्षा करने की अनुमति नहीं होगी।

विशेष कार्यक्रमों पर रोक

आने वाले दरगाह में फूल, खुशबूदार इत्र और धूप अर्पित करते वक्त मकबरे के किसी भी जगह को नहीं छू सकेंगे। पहले दरगाह में हर गुरुवार को कव्वाली का आयोजन किया जाता था। लेकिन कोरोना को देखते हुए इस तरह के विशेष कार्यक्रमों पर निश्चित तौर पर रोक लगी रहेगी। यदि किसी व्यक्ति में विभिन्न प्रकार की बीमारी के लक्षण जैसे की खांस, जुकाम या बुखार दिखाई देता है तो उसे दरगाह में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।

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