MP News: रीवा में एक ही थाने में वर्षो से जमे कई प्रधान आरक्षक, कैसे सुधरेगी पुलिसिंग व्यवस्था

MP News: रीवा जिले के पुलिसिंग व्यवस्था कितनी अच्छी है यह किसी से छुपी नहीं है। रीवा जिले के पुलिस व्यवस्था कैसे और कब सुधरेगी और कब यहां अच्छे पुलिस अधिकारियों का आगमन होगा?

Update: 2022-09-27 09:05 GMT

MP Today News (image social media)

MP News: रीवा जिले के पुलिसिंग व्यवस्था कितनी अच्छी है यह किसी से छुपी नहीं है। रीवा जिले के पुलिस व्यवस्था कैसे और कब सुधरेगी और कब यहां अच्छे पुलिस अधिकारियों का आगमन होगा? जो मुंह देखा देखी न करते हुये उन्हें थाने की कमान देंगे जो लोगो के न्याय में रोड़ा नही न्याय पाने का मार्ग बनेगें। इसे लेकर तमाम तरह के सवाल हैं जिन पुलिसकर्मियों को थानों से जाना चाहिए वह पुलिसकर्मी सालों से जमे हैं, और जो नए पुलिसकर्मी एक थानों से दूसरे थानों में आए वह कुछ ही महीने में ही इस थानों से वापस हो गए।

आखिर ऐसा इस जिले की पुलिसिंग में क्या है कि यहां पर अच्छे पुलिस वाले एक थानों पर नही रहना चाहते लेकिन कुछ भ्रष्ट प्रधान आरक्षी बरसों से एक ही थाना में अंगद की तरह पैर जमाए बैठे है। इनकी सर्जरी के बाद ही कानून व्यवस्था में कसावट आएगी।हालांकि इसकी पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन को भनक भी नही लग पा रही है। उन्होंने कुछ दिन पहले ऐसे अधिकारियों कर्मचारियों की सूची तो बनवाई लेकिन कुछ प्रधान आरक्षी व भ्रष्ट पुलिस कर्मियों की सेटिंग गेटिंग की वजह से इनकी लिस्ट नहीं बन पाई।

 इन पर पुलिस अधीक्षक की निगाहें ही नहीं गई।रीवा जिले में ऐसे कई मलाईदार थाना में लम्बे समय से प्रधान आरक्षी अपनी सिफारिश की बदौलत जमे हुए है। कोई रीडर बने तो कई मददगार बनकर एक ही स्थान पर टिके हुए हैं। इस वजह से कानून व्यवस्था में कसावट नजर नहीं आ रही है। इसमें कई ऐसे भी है जिनके क्षेत्र के अपराधियों से पूरी साठ-गांठ है। जिनके बारे में लगातार शिकायतें मिल रही है ।जानकारी के मुताबिक चोरहटा और सिविल लाइन थाना ऐसा है जहां करीब 5 साल से ज्यादा प्रधान आरक्षी व कुछ पुलिस कर्मी जमें हुए हैं।

तो और चोरहटा थाना में ऐसे भी प्रधान आरक्षी और सिपाही हैं, जो सिविल ड्रेस में रहते है। और तो और ये लगभग 5 सालों से उसी थाने में कभी थाने अंतर्गत नौबस्ता चौकी में पदस्थ रहा है क्षेत्र की जनता के अंदर इसने अपनी दहशत फैला कर रखी है क्षेत्र की जनता को अपना नाम सिंघम बताता है सफेदपोश नेताओं के संरक्षण में कई सालों से उसी थाने में पदस्थ है क्षेत्र में हो दूसरे जिले से लाकर शराब बेचने वाले पैकरो को संरक्षण इसी प्रधान आरक्षक द्वारा दिया जाता है।

क्षेत्र में होने वाली संचालित होने वाली अवैध क्रेशर से लेकर सभी गतिविधियों में यह मुख्य रोल अदा करता है। थाने में आने वाले पीड़ितों को परेशान करने से लेकर गलत तरीके से पैसों की मांग भी करता है। जब नए थाना प्रभारी ज्वाइन करते है। तब पुराने वालंटियरों को टारगेट कर उन्हें गिरफ्तार कर लेते है। टीआई उनकी कार्यप्रणाली से गदगद हो जाते है। उसके बाद थाना प्रभारी की आंख में धूल झोककर धड़ल्ले से अन्य गतिविधियों में लिप्त हो जाते है। इतना ही नहीं जुआ सट्टा, कबाड़ीयो से शराब बिकवाते है। पैसे उगाही का कार्य करते है। यह सिलसिला करीब 5 साल से चला आ रहा है।

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