अब ऐसे डिस्चार्ज किए जाएंगे कोरोना मरीज, मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइन
तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों के डिस्चार्ज नियमों में कुछ बदलाव किया है।
नई दिल्ली: तमाम प्रयासों के बाद भी देश मे कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों के डिस्चार्ज नियमों में कुछ बदलाव किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी की गई नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अब केवल कोरोना के गंभीर मरीजों की ही कई बार जांच की जाएगी। इसके अलावा जो मरीज बीमारी से रिकवर हो चुके है, उनकी जांच केवल एक ही बार की जाएगी। उस टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने पर मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
देश में संक्रमितों की संख्या पहुंची 60 हजार के पार
भारत में कोरोना वायरस अपना कहर बरपा रहा है। देश में कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या ने 60 हजार का आंकड़ा पार कर लिया है। जबकि कोरोना की चपेट में आकर अब तक करीब 1981 लोगों की मौत हो चुकी है। तेजी से बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने का संकट गहराता जा रहा है।
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एक टेस्ट निगेटिव आने के बाद किया जाए डिस्चार्ज
गौरतलब है कि अब तक कोरोना के मरीज को 24 घंटे के अंदर दो बार हुए आरटी और पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही ठीक माना जाता था। हालांकि अब एक भी टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने पर मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। मंत्रालय की तरफ से अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए नए दिशा निर्देश-जारी कर दिए गए हैं।
1 हफ्ते के अंदर मिले 20 हजार नए मामले
बता दें कि देश में पिछले एक हफ्ते के अंदर कोरोना वायरस के तकरीबन 20 हजार नए मामले सामने आए हैं। तेजी से सामने आ रहे नए मामलों से स्वास्थ्य सुविधाओं की बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। ऐसा भी माना जा रहा है कि मई महीने के अंत तक कोरोना के मामले तेजी से बढ़ेंगे। ऐसे में ह़ॉस्पिटल में मरीजों के लिए बिस्तर भी कम पड़ जाएंगे। कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि जून और जुलाई का समय और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
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डिस्चार्ज से पहले जांच की आवश्यकता नहीं
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपने नए दिशा-निर्देशों में यह भी साफ किया है कि कोरोना संक्रमित में लक्षण दिखाई देने के 10 दिनों बाद अगर तीन दिन तक बुखार नहीं आता है तो उसे ह़ॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। जारी की गई नई गाइड लाइंस में कहा गया है कि डिस्चार्ज से पहले टेस्ट की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
7 दिनों के लिए रहना होगा क्वारनटीन
इसके साथ ही मरीजों को छुट्टी देते समय बताया जाएगा कि उन्हें घर जाने के बाद भी 7 दिनों के लिए होम क्वारनटीन में रहना होगा। गाइडलाइन में कहा गया है कि मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किए जाने के बाद अगर तीन दिनों तक कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं तो अगले चार दिनों के लिए उन्हें हल्के मामलों में वर्गीकृत कर दिया जाएगा।
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