SC on Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, दिल्ली और पंजाब सरकार को लगी फटकार

SC on Delhi Pollution: सुप्रीम कोर्ट में आज एकबार फिर इस मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकारों की लापरवाही को लेकर आज भी सख्त रूख अपनाए रखा।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-11-10 09:23 GMT

SC on Delhi Pollution  (PHOTO: Social media )

SC on Delhi Pollution: पिछले एक हफ्ते से वायु प्रदूषण से त्रस्त देश की राजधानी दिल्ली में बीती रात राहत की बारिश हुई। जिससे लोगों को खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण से काफी हद तक निजात मिली है। लेकिन समस्या अभी भी खत्म नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट में आज एकबार फिर इस मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकारों की लापरवाही को लेकर आज भी सख्त रूख अपनाए रखा।

शीर्ष अदालत ने कहा कि हर साल जब हम दखल देते हैं तभी यह मुद्दा चर्चा में आता है। रात में हुई बारिश का जिक्र करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि शायद भगवान ने लोगों की प्रार्थना सुन ली। सरकार का प्रदूषण कम करने में कोई योगदान नहीं है। बेंच ने दिल्ली सरकार से बीते छह साल में इस दिशा में किए गए प्रयासों के बारे में भी पूछ डाला।

आप हम पर बोझ डालना चाहते हैं – SC

कोर्ट में दिल्ली सरकार का पक्ष वरिष्ठ वकील एएनएस नंदकर्णी ने रखा। उन्होंने कहा, हम प्रदूषण कंट्रोल पर कोर्ट के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया। कोर्ट ने कहा कि आप खुद कुछ नहीं कर रहे, उल्टा बोझ हम पर डालने की कोशिश कर रहे हैं। आप वही करेंगे, जो आपको करना है। फिर आप ये नहीं कह सकते कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण प्रदूषण कम नहीं हुआ।

Delhi Air Pollution: दिल्ली की आबोहवा में कोई सुझार नहीं, गंभीर श्रेणी में प्रदूषण, दो दिन और राहत के आसार नहीं


वहीं, दिल्ली में लगाए गए स्मॉग टावर बंद होने के सवाल पर दिल्ली सरकार ने कहा कि स्मॉग टावर बंद नहीं था। जून से सितंबर तक बारिश के कारण इसे बंद करना पड़ा क्योंकि बारिश के दौरान इसे चलाया नहीं जा सकता। इस पर जस्टिस कौल ने कहा कि मौसम हर साल बदलता है। हम नतीजे देखना चाहते हैं। हम टेक्निकल लोग नहीं हैं।

ऑड-ईवन को लेकर एफिडेविट दाखिल

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई, जो कि 7 नवंबर को हुई थी तब दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन योजना को दिखावा करार दिया था। सरकार की ओर से आज शीर्ष अदालत में इस पर एक एफिडेविट दाखिल किया गया। इसमें योजना के फायदे गिनाए गए हैं। इसमें दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (DIMTS) की स्टडी का हवाला देते हुए बताया गया कि ऑड-ईवन लागू होने के दौरान सड़कों पर वाहनों की भीड़ कम होती है। सड़कों पर निजी कारों की संख्या में 30 प्रतिशत की कमी आई। ईंधन की खपत में भी 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल बढ़ा।

Air Pollution Alert: सावधान! तेजी से बढ़ रहा हवा में जहर, आ गया सांसों में घुटन का मौसम, आखिर कैसे बचा जाए ?


पंजाब सरकार को पराली को लेकर लगी फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी शासित पंजाब को भी जमकर फटकार लगाई। एक स्टडी के मुताबिक, दिल्ली में प्रदूषण के पीछे पराली का जलाना भी एक बड़ा कारक है। पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान में धान की फसल काटने के बाद खेतों में पड़े अपशिष्ट को ठिकाने लगाने के लिए किसान उसे आग के हवाले कर देते हैं। जिसका धुंआ दिल्ली तक पहुंचता है और फिर यहं प्रदूषण फैलता है।

दिल्ली में प्रदूषण के पीछे पराली जलाने का योगदान 24 प्रतिशत है। सुप्रीम कोर्ट ने आज पंजाब सरकार से कहा कि हम लोगों को प्रदूषण की वजह से मरने नहीं दे सकते। पंजाब के किसान बासमती धान की फसल ही क्यों उगाते हैं ? सरकार किसान संगठनों से बात कर उन्हें प्रदूषण को लेकर जागरूक क्यों नहीं करती ? अदालत ने कहा कि प्रदूषण को कम करना ही होगा, ये कैसे होगा इसे राज्य सरकार तय करे।


Punjab Stubble Burning: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती- पंजाब सरकार बंद करे तमाशा, तुरंत रोक लगाओ पराली जलाने पर

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अब 21 नवंबर को होगी।

Tags:    

Similar News