Heavy Rain in Himachal: भारी बारिश से हिमाचल में तबाही ही तबाही, जरूरी चीजों की होने लगी किल्लत
Heavy Rain in Himachal: बीते 4 दिन राज्य में हुई मूसलाधार बारिश ने ऐसी तबाही मचाई है कि जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। प्रदेश के कई हिस्से बुरी तरह तबाह हो चुके हैं।
Heavy Rain in Himachal: गर्मियों के समय मैदानी इलाके में रहने वालों का पसंदीदा ठिकाना हिमाचल प्रदेश कुदरत के जबरदस्त कहर का सामना कर रहा है। बीते 4 दिन राज्य में हुई मूसलाधार बारिश ने ऐसी तबाही मचाई है कि जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। प्रदेश के कई हिस्से बुरी तरह तबाह हो चुके हैं। वर्षाजनित हादसों में अब तक मृतकों का आंकड़ा 300 के पार पहुंच चुका है। राज्य में चहुंओर तबाही ही तबाही नजर आ रही है।
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हालात इतने खराब हो चुके हैं कि रेस्क्यू ऑपरेशन तक को अंजाम देने में परेशानी हो रही है। जिन इलाकों का सड़क मार्ग से संपर्क पूरी तरह कट चुका है, वहां बचाव दल हेलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंच रहे हैं। लोगों को उन प्रभावित क्षेत्रों से हेलीकॉप्टर के जरिए रेस्क्यू किया जा रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार हिमाचल में मानसून बीते एक हफ्ते में सामान्य कोटे से 103 प्रतिशत अधिक बरसा है। इसलिए हालात इतने बदतर नजर आ रहे हैं।
जरूरी चीजों की होने लगी किल्लत
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में अधिकांश जरूरत की चीजें सड़क मार्ग से ही पहुंचती हैं। भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड और बाढ़ जैसी घटनाओं के कारण ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। कई इलाके मुख्य मार्ग से पूरी तरह कट चुके हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे के बंद हो जाने के कारण शहरों में सामानों की आपूर्ति रूक गई है। ट्रकें कई दिनों से वहां फंसी हुई हैं। आपदा के कारण राज्य में 950 सड़कें बंद हैं। इसलिए शिमला, अपर शिमला, कुल्लू, चंबा, किन्नौर, लाहौल स्पीती और मनाली में लोगों को रोजमर्रा की चीजों की किल्लत होने लगी है।
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कुल्लू जिला में तो पेट्रोल-डीजल ब्लैक में मिलने लगे हैं। यहां के पेट्रोल पंपों पर ईंधन न मिल पाने से लोग खासे परेशान हैं। स्थानीय लोगों को इमरजेंसी में इधर-उधर जाने में दिक्कत हो रही है। आपदा से पहले आए पर्यटक भी फंस गए हैं। कुल्लू जिला मुख्यालय स्थित पेट्रोल पंप पर केवल सरकारी वाहनों को ही पेट्रोल दिया जा रहा है ताकि आवश्यक सेवाओं पर विपरीत असर न पड़े। लोग 130 से 140 रूपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल-डीजल ब्लैक में खरीदने को मजबूर हो रहे हैं।
7 हजार करोड़ से अधिक की संपत्तियां बर्बाद
प्रकृति द्वारा दी गई खूबसूरती से गुलजार रहने वाला हिमाचल इन दिनों उसी के कहर का सामना कर रहा है। दो माह में लैंडस्लाइड की 112 तो बादल फटने की 4 से 5 घटनाएं हुईं। राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इन घटनाओं में 327 लोगों की जान चली गई, 1762 घर जमींदोज हो गए। सरकार का अनुमान है कि करीब 7200 करोड़ रूपये की अचल संपत्तियां बर्बाद हो गईं। हिमाचल सरकार की से इस नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र को 6600 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल है, जिसे विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है। यानी केंद्र से राज्य को 90 प्रतिशत राशि किसी भी योजना के लिए मिलती है।
19 तक विश्वविद्यालय बंद
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से जनजीवन अस्प व्यस्त हो चुका है। खेती किसानी, व्यापार से लेकर पढ़ाई – लिखाई तक बेपटरी हो चुकी है। खराब मौसम को देखते हुए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने सभी शैक्षणिक गतिविधियों को 17 से 19 अगस्त तक के लिए निलंबित कर दिया है। विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी 20 अगस्त तक बंद रहेगी। परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है।