Hemant Soren Love Story: पहली ही नजर में कल्पना को दिल दे बैठे थे हेमंत सोरेन, शादी के लिए चुना था ये खास महीना
Hemant Soren Love Story: झारखण्ड के मुख्यमंत्री के तौर पर आज हेमंत सोरेन शपथ लेंगे। लेकिन इस बीच पत्नी कल्पना संग उनके रिश्ते की शुरुआत के काफी चर्चे हो रहे हैं।
Hemant Soren Love Story: हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर फिर एक बार शपथ लेने जा रहे हैं। आज शाम चार बजे उनका भव्य शपथ ग्रहण समारोह होगा। जिसमें उनकी पार्टी और सहयोगी दल के नेता मौजूद रहेंगे। बता दें कि इस बार झारखण्ड के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने सहयोगियो के साथ मिलकर सरकार बना ली है। जिसके बाद हेमंत सोरेन दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। इस पूरे चुनाव में हेमंत सोरेन के साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी काफी चर्चा में रही। कहा जाता है कि जब से कल्पना सोरेन की हेमंत सोरेन के साथ शादी हुई है तब से हेमंत सोरेन को राजनीति में लगातार सफलता मिली है।
कौन हैं कल्पना सोरेन
कल्पना सोरेन मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली हैं। उनका जन्म रांची में 1976 में हुआ था। कल्पना सोरेन के परिवारवाले ओडिशा में ही रहते है। इसकी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई रांची में हुई थी। पहली बार कल्पना सोरेन को जब हेमंत सोरेन ने देखा था तो उन्हें पहली ही नजर में वो पसंद आ गई थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ऐसा भी बताते है कि हेमंत सोरेन के पूरे परिवार को कल्पना सोरेन पहली ही नजर में पसंद आ गई थी। हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन ने कल्पना सोरेन को अपनी बहु बनाने को पहले ही ठान लिए थे। शिबू सोरेन जब हेमंत सोरेन से शादी के लिए पूछते है तो तुरंत शादी के लिए हाँ बोल देते हैं। जिसके बाद दोनों को शादी बड़े ही धूमधाम से होती है।
हेमंत सोरेन की शादी
कल्पना और हेमंत सोरेन की शादी अरेंज मैरेज तरीके से हुई थी। इनकी शायद वैलेंटाइन वीक के पहले दिन 7 फरवरी 2006 को हुई थी। हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन इस शादी से काफी खुश थे। बता दें की उनके पिता लम्बे समय से राजनीति से जुड़े थे। हेमंत सोरेन की शादी के समय शिबू सोरेन केंद्र में कोयला मंत्री थे। बता दें कि शादी के बाद से हेमंत सोरेन की राजनीति में किस्मत ही पलट गई। शादी के बाद 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन को पहली बार संसदीय राजनीति में सफलता मिली थी। कुछ जानकारों का कहना है की उसके बाद से लगातार तो सफलता की सीढियाँ चढ़ते चले गए थे। झारखण्ड में राजनीति में उनका राजनीतिक कद भी लगातार बढ़ता चला गया। सबसे पहले बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री बने, फिर बीजेपी से अलग होकर यूपीए के साथ मिलकर सरकार बना ली. वर्ष 2014 के चुनाव में वे नेता प्रतिपक्ष बने, लेकिन 2019 में फिर उनकी सत्ता में वापसी हुई। और अब फिर साल 2024 में वे एक बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।