HC ने अखिलेश सरकार को दिया बड़ा झटका, कृषि टेक्निकल सहायक 6628 पदों की भर्ती रद्द

हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश कृषि टेक्निकल सहायक ग्रुप-सी परीक्षा 2013 में चयनित 6628 पदों पर किए गए चयन को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है।

Update: 2017-02-10 20:42 GMT
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इलाहाबाद: हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश कृषि टेक्निकल सहायक ग्रुप-सी परीक्षा 2013 में चयनित 6628 पदों पर किए गए चयन को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इन पदों पर सम्पन्न हुई लिखित परीक्षा और इसके आधार पर घोषित परिणाम में कोई गलती नहीं है। कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया है कि लिखित परीक्षा परिणाम के बाद की प्रक्रियाओं में गलती की गई है इस कारण चयन रद्द किया जाता है।

कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग लिखित परीक्षा परिणाम के बाद की चयन प्रक्रिया नए सिरे से चार महीने में पूरा करे। इसी के साथ जजों ने प्रतियोगियों की याचिकाएं मंजूर कर ली है। न्यायमूर्ति वी.के.शुक्ला और न्यायमूर्ति एम.सी.त्रिपाठी की बेंच ने मनीष उपाध्याय और कई अन्य प्रतियोगियों की याचिकाओं पर उक्त निर्देश जारी कर किया है

कोर्ट ने कहा है कि प्रमुख सचिव कैडर के हिसाब से पदों की संख्या का आंकलन कर तत्काल आयोग को मुहैया कराया जाए जिससे चार महीने के अंदर इंटरव्यू आदि की प्रक्रिया सम्पन्न हो सके।

याचिका दायर कर 12 अक्टूबर 2014 के आयोग के आॅफिस मेमोरेंडम को चुनौती दी थी। जिसके द्वारा ओबीसी के 566 पदों को बढ़ाकर 2030 कर दिया गया था। आयोग ने 6628 पदों के सापेक्ष प्रदेश सरकार को आरक्षित श्रेणी के 88 प्रतिशत अभ्यर्थियों को और सामान्य के मात्र 12 फीसदी अभ्यर्थियों का चयन कर नियुक्ति के लिए भेजा था।

इसे कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 6 (4) बी और आरक्षण कानून 1994 की धारा 3 (1) के विपरीत माना। आयोग की चयन सूची में 2515 सामान्य, 1882 एससी 28 फीसदी 201 एस टी 3 फीसदी तथा 2030 ओबीसी 30 फीसदी का परिणाम घोषित किया था। जबकि एससी 21 फीसदी, एसटी 2 फीसदी तथा ओबीसी 27 प्रतिशत यानि कुल 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता।

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सपा विधायक सईद अहमद की याचिका निस्तारित, 95 लाख के फ्राॅड का आरोप

इलाहाबाद: हाई कोर्ट ने फूलपुर के सपा विधायक सईद अहमद की याचिका निस्तारित कर दी है। सईद अहमद ने 95 लाख की धोखाधड़ी के आरोप में दाखिल पुलिस चार्जशीट को चुनौती दी थी। यह आदेश न्यायमूर्ति आर.डी.खरे ने दिया है।

शिकायत कर्ता सरदार जोगिन्दर सिंह के अधिवक्ता एस.एफ.ए.नकवी का कहना था कि याची ने 95 लाख रुपए लेकर विक्रय करार किया और वही जमीन दूसरे को बेच दी। जिस पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई। पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।

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पूर्व मंत्री अंगद यादव की जमानत अर्जी खारिज

इलाहाबाद: हाई कोर्ट ने बसपा सरकार के पूर्व मंत्री आजमगढ़ निवासी अंगद यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति यू.सी.श्रीवास्तव ने दिया है। अंगद यादव पर अधिवक्ता राम नारायण सिंह की हत्या कराने का आरोप है।

सिधारी थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई। शूटर से हत्या कराने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की गई है। इसके अलावा हत्या अपहरण जैसे कई अपराधों के 17 आपराधिक मामले दर्ज है। कोर्ट ने आरोपों को गंभीर मानते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया है।

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बसपा के पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया की जमानत अर्जी खारिज

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बसपा के पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इन पर सपा विधायक जवाहर पंडित की हत्या करने का आरोप है। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने दिया है।

जमानत अर्जी का प्रतिवाद राज्य सरकार की विशेष अधिवक्ता स्वाती अग्रवाल ने किया। इलाहाबाद सिविल लाइंस में दिनदहाडे हुई हत्या में करवरिया बन्धु आरोपी हैं। उदयभान करवरिया की जमानत अर्जी पहले ही खारिज हो चुकी है।

 

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