Prostitution in India: भारत में वेश्‍यावृत्ति से जुड़े कुछ गंभीर तथ्‍य, वीडियो में देखें इसका इतिहास और कई बड़ी जानकारी

History of Prostitution in India : यदि आप किसी रेड-लाइट एरिया से निकलेंगे, तो ये तथ्‍य आपको जरूर याद आयेंगे। साथ ही आपके मन में उन लड़कियों व महिलाओं के प्रति भावनाएँ भी बदल चुकी होंगीं।

Update:2023-05-04 14:38 IST

History of Prostitution in India : यदि यह सवाल किया जाये कि वेश्‍यावृत्ति के पीछे सबसे बड़ा कारण क्‍या है, तो अधिकांश लोगों का जवाब होता है- यौन इच्‍छा। यदि आपका भी यही जवाब है, तो हम आपके सामने जो कुछ तथ्‍य रखे जा रहे हैं, उन्‍हें पढ़ने के बाद आपका जवाब निश्चित तौर पर बदल जायेगा। इसके बाद यदि आप किसी रेड-लाइट एरिया से निकलेंगे, तो ये तथ्‍य आपको जरूर याद आयेंगे। साथ ही आपके मन में उन लड़कियों व महिलाओं के प्रति भावनाएँ भी बदल चुकी होंगीं। ये तथ्‍य अलग-अलग एनजीओ व विमेन्‍स स्‍टडीज़ इंस्‍टीट्यूट्स द्वारा किये गये अध्‍ययनों की रिपोर्ट से प्राप्‍त किये हैं।

1. राष्‍ट्रीय एड्स कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई देश की सबसे बड़ी सेक्‍स इंडस्‍ट्री है। यहां पर 2 लाख से ज्‍यादा वेश्‍याएं हैं। सबसे खतरनाक बात यह है कि यहां 50 फीसदी से अधिक वेश्‍याएं एचआईवी से ग्रसित हैं। वर्ष 2000 में मुंबई में वेश्‍याओं की संख्‍या 1 लाख थी। हर साल 10 फीसदी की दर से बढ़ रही है। देह व्‍यापार के मामले में कोलकाता दूसरे नंबर पर है। ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार मुंबई एशिया की सबसे बड़ी सेक्‍स इंडस्‍ट्री है।

2. वेश्‍यावृत्ति का चलन आज का नहीं बल्कि सदियों से है। प्राचीन भारत में 'नगरवधू' हुआ करती थीं। दूसरीं सदी में ईसापूर्व में लिखी गई संस्‍कृत की कहानी मृचाकाटिका में वैशाली की नगरवधू इसी काम के लिये जानी जाती है।

3.17वीं और 16वीं सदी में गोवा में पुर्तगाली कालोनी हुआ करती थी। यहां पर जापानी दासियां हुआ करती थीं, जिनमें अधिकांश जापान की महिलाएं व कम उम्र की लड़कियां होती थीं, जिन्‍हें दासी बनाकर उनके साथ सेक्‍स किया जाता था। पुर्तगाली व्‍यापारी इन लड़कियों को जापान से पानी के जहाज में भारत लाते थे। यही कारण है कि सदियों से गोवा देह व्‍यापार का गढ़ बना हुआ है।

4. 19वीं और 20वीं सदी की शुरुआत में अंग्रेज यूरोप और जापान से लड़कियों को लेकर आते थे और भारत में काम कर रहीं अंग्रेजों की सेनाओं में सैनिकों को यौन सुख पहुंचाने का दबाव डालने लगे। ये वेश्‍याएं सैनिकों को यौन सुख प्रदान करती थीं। यह भी एक बड़ा कारण है कि हजारों की संख्‍या में भारतीय लोग अंग्रेजी सेना में यौन सुख के लालच में भर्ती हुए।

5. अंग्रेज़ शासन में वेश्‍यावृत्ति 20वीं सदी के आते-आते क्रूर अंग्रेजों ने भरतीय लड़कियों को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया।

यूरोप से आयीं वेश्‍याएं जब अपनी सेवाएं देने में अक्षम हो जातीं, तो उन्‍हें छावनी में सैनिकों की सेवा करने व उनके लिये भोजन पकाने के लिये तैनात कर दिया जाता।

6. एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे भारत में 2 करोड़ सेक्‍स वर्कर हैं। जिनमें सिर्फ मुंबई में ही 2 लाख हैं।

7. एचआईवी संक्रमित हो रहा सूरत एड्स कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात का सूरत शहर तेजी से एचआईवी की चपेट में आ रहा है। 2008 की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2008 में यहां की कुल वेश्‍याओं में 58 फीसदी एचआईवी संक्रमित पायी गईं। यानी सूरत में वेश्‍यावृत्ति के जाल में फंसने का मतलब एड्स को न्‍योता देना है।

8. महाराष्‍ट्र-कर्नाटक में देवदासी बेल्‍ट आपको यह जानकर आश्‍चर्य होगा कि महाराष्‍ट्र और कर्नाटक के बॉर्डर पर एक के बाद एक गांव व कस्‍बे हैं, जहां वेश्‍यावृत्ति का व्‍यापार फलफूल रहा है।

इन इलाकों को 'देवदासी बेल्‍ट' भी कहा जाता है।

9. देश का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया कोलकाता में देश का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया कोलकाता का सोनागाची इलाका है। दूसरे नंबर पर मुंबई का कामतिपुरा, फिर दिल्‍ली की जीबी रोड, आगरा का कश्‍मीरी मार्केट, ग्‍वालियर का रेशमपुरा, पुणे का बुधवर पेट हैं। इन स्‍थानों पर लाखों लड़कियां हर रोज बिस्‍तर पर परोसी जाती हैं।

10. छोटे शहरों में रेडलाइट एरिया यह कहना गलत नहीं होगा कि सेक्‍स टूरिज्‍म के बड़े स्‍पॉट माने जाते हैं। इनके अलावा अगर 2-टियर व 3-टियर शहरों की बात करें तो वाराणसी का मडुआडिया, सहारनपुर का नक्‍कासा बाजार, मुजफ्फरपुर का चतुर्भुज स्‍थान( आंध्र प्रदेश के पेड्डापुरम व गुडिवडा, इलाहाबाद का मीरगंज, नागपुर का गंगा जुमना और मेरठ का कबाड़ी बाजार इसी काम के लिये फेमस हैं।

11. एक अनुमान के अनुसार देश में 12 लाख से ज्‍यादा बच्चियां वेश्‍यावृत्ति के कार्य में लिप्‍त हैं।
12. 90 प्रतिशत लड़कियां देश के अंदर बेची जाती हैं। सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार देश में देह व्‍यापार में लिप्‍त लड़कियों में से 90 प्रतिशत तो देश के अंदर ही एक कोने से दूसरे कोने में ले जाकर बेच दी जाती हैं।

13. देश के तमाम देवस्‍थानों पर जहां लाखों की संख्‍या में तीर्थयात्री ईश्‍वर के विभिन्‍न रूपों के दर्शन करने आते हैं, वहां पर वेश्‍यावृत्ति तेजी से बढ़ रही है। यह चलन वर्ष 2000 के बाद से तेजी से बढ़ा है।

14. बंगाल की चुकरी प्रथा सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि हमारे देश के कई हिस्‍सों में वेश्‍यावृत्ति को बढ़ावा देने वाली कई प्रथाएं चली आ रही हैं। उदाहरण के तौर पर बंगाल की चुकरी प्रथा ही ले लीजिये, जिसके अंतर्गत यदि कोई व्‍यक्ति कर्ज चुकाने में नाकाम रहता है, तो उसके परिवार की महिलाओं को अपना शरीर देकर कीमत चुकानी होती है। इसके अंतर्गत एक साल तक लड़की को वेश्‍या के रूप में मुफ्त में काम करना होता है।

15. परिवार के पालन पोषण के लिये बनीं वेश्‍या वेश्‍यावृत्ति का एक और कड़वा सच यह है कि जब परिवार में आय के साधन बंद हो जाते हैं, तब परिवार की सबसे बड़ी लड़की यह राह चुनती है।

16. 2 लाख नेपाली लड़कियां वेश्‍यावृत्ति में नेपाल की भारत में करीब 2 लाख नेपाली लड़कियां देह व्‍यापार में लिप्‍त हैं। इनमें से अधिकांश 14 साल की उम्र से कम हैं।

17. वर्जिन नेपाली लड़कियों की डिमांड भारत के लोगों में नेपाल से लायी गईं वर्जिन लड़कियां ज्‍यादा पसंद की जाती हैं। उनके दाम भी काफी ऊंचे लगते हैं। यही कारण है कि नेपाल से लड़कियों को बहला फुसला कर या अगवा कर के भारत लाये जाने का चलन बढ़ रहा है।

18. सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार कुछ प्रतिशत लड़कियां दोस्‍तों के चक्‍कर में पड़कर वेश्‍यावृत्ति में आयीं। इसमें खास आकर्षण पैसा कमाना था।

19. अपने ही इलाकों में कुछ कुछ प्रतिशत महिलाएं अपने अपने ही इलाकों में अपना जिस्‍म बेचती हैं। यानी ज्‍यादातर लोगों को उनके बारे में पता होता है।

20. कुछ प्रतिशत महिलाएं अंजान व्‍यक्ति अथवा दलाल के चक्‍कर में फंस कर वेश्‍यावृत्ति में आयीं।
21. रिपोर्ट के अनुसार 13 प्रतिशत महिलाएं ऐसी थीं, जो अपनी बहन या अन्‍य महिला रिश्‍तेदार के इस धंधे में होने के बाद दाखिल हुई।
22. भारत में महिलाओं के बीच वेश्‍यावृत्ति तो सदियों से चली आ रही है, लेकिन अब पुरुष भी इस धंधे में पड़ने लगे हैं। ऐसे पुरुषों को जिगोलो कहा जाता है।
23. भारत में जिगोलो की सेवाएं दिल्‍ली में तेजी से बढ़ रही है। दिल्‍ली में एक जिगोलो एक रात के 1 से 3 हजार रुपए तक लेता है।


24. पैसा कमाने की होड़ में डिग्री कॉलेजों के लड़के इस व्‍यापार में लिप्‍त हो रहे हैं। इन लड़कों से सेवाएं लेने वाली महिलाएं भी बड़े घरानों की होती हैं, जो एक बार के 3 हजार रुपए तक देती हैं। दिल्‍ली में करीब 20 एजेंसियां हैं, जो जिगोलो की सप्‍लाई करती हैं।
25. जिगोलो का ट्रेंड दिल्‍ली, मुंबई, चंडीगढ़ आदि में स्थिति मिडिल क्‍लास नाइट क्‍लबों में तेजी से बढ़ा है। इनकी सेवाएं समलैंगिक भी लेते हैं।


26. बीबीसी वर्ल्‍ड ट्रस्‍ट के द्वारा कराये गये एक अध्‍ययन के अनुसार घरेलू हिंसा भी वेश्‍यावृत्ति में जाने के लिये लड़की को प्रेरित करती है। शुरुआत में जब घर से गालीगलौज मिलती है और माता-पिता, भाई बहन साथ नहीं देते, ऐसी स्थिति में लड़कियां यह रास्‍ता अख्तियार करती हैं।
27. एआईएसआईटीए के अंतर्गत कोई भी वेश्‍या अपना फोन नंबर सार्वजनिक स्‍थल पर प्रकाशित नहीं कर सकती है। इसके लिये दस महीने की जेल अथवा जुर्माना हो सकता है।


28. यदि कोई व्‍यक्ति 18 साल से कम उम्र की वेश्‍या के साथ सेक्‍स करता पकड़ा जाता है तो उसे 7 से 10 वर्ष की कैद हो सकती है।
29. भारत में कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर वेश्‍यावृत्ति का स्‍तर बहुत ही बुरा है। ऐसी जगहों पर 30 रुपए से वेश्‍याओं की कीमत की शुरुआत होती है। ऐसा ज्‍यादातर गांव व छोटे कस्‍बों में होता है और यहीं पर असुरक्षित यौन संबंध ज्‍यादा बनते हैं।
30. एक रिपोर्ट के अनुसार 25 फीसदी चाइल्‍ड प्रॉस्टिट्यूट्स या तो अगवा कर के लायी गई होती हैं या उन्‍हें खरीद कर लाया जाता है। वहीं 18 फीसदी वेशयाओं का तो 13 से 18 साल की उम्र में ही कौमार्य भंग हो जाता है।


31. नेशनल क्राइम ब्‍यूरो की रिपोर्ट के अनुसार 6 प्रतिशत लड़कियां बलात्‍कार के बाद बेच दी जाती हैं, उसके बाद देह व्‍यापार के धंधे में आ जाती हैं।
32. दुनिया भर में करीब 200 मिलियन वेश्‍याएं यौन संक्रमित बीमारियों से ग्रसित हैं, जिनमें से 50 मिलियन तो सिर्फ भारत से आती हैं।
33. 1988 में ऑल बंगाल विमेन यूनियन द्वारा कराये गये सर्वेक्षण में लड़कियों के वेश्‍यावृत्ति में आने के कारणों का खुलासा किया गया। रिपोर्ट के अनुसार 5.1 फीसदी महिलाएं माता-पिता के कहने पर इस धंधे में आयीं।

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