जम्मू कश्मीर में 370 हटने से पाकिस्तानी मीडिया में मची खलबली, कही ये बात
भारत सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद पाकिस्तानी मीडिया की रूदाली शुरू हो गई है। पाकिस्तानी मीडिया लगातार इस ऐतिहासिक फैसले के बारे में दलीलें दे रहा है।
लखनऊ: कश्मीर पर पाकिस्तान की बेचैनी किसी से छिपी नहीं रही है। लेकिन अब उसकी ये बेचैनी काफी बढ़ गई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जैसे ही संसद में भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के अलावा इस अनुच्छेद के सारे खंडों को खत्म करने की सिफारिश की तो देशभर में लोग एक दूसरे को बधाई देने लगे।
जहां भारत में सोशल मीडिया पर बधाई देने वाले लोगों का तांता लग गया। वहीं पाकिस्तान की सरकार से लेकर वहां की मीडिया तक में इसको लेकर शोर है।
भारत सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद पाकिस्तानी मीडिया की रूदाली शुरू हो गई है। पाकिस्तानी मीडिया लगातार इस ऐतिहासिक फैसले के बारे में दलीलें दे रहा है।
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जानिए क्या कहता है पाकिस्तानी मीडिया
प्रमुख समाचार पत्र 'डॉन' लिखता है, 'संसद में विरोध के बीच भारत ने कश्मीर को विशेष दर्जे को समाप्त करने के लिए प्रस्ताव पेश किया।' डॉन ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए गए बयान का उल्लेख किया है।
'जियो टीवी' लिखता है, भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दी है। कश्मीर में तनाव बढ़ गया है और यूएन ने भारत से अपील की है। साथ ही वेबसाइट ने कश्मीर पूर्व मुख्यमंत्रियों के नजरबंद को लेकर भी टिप्पणी की है।
प्रमुख समाचार पत्र 'द नेशन' ने भारत द्वारा एलओसी पर आतंकियों को मारने का जिक्र किया है। 'द नेशन' की बेवसाइट पर इमरान खान द्वारा शनिवार को बुलाई गई राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी की बैठक का जिक्र किया गया है।
पाकिस्तान के प्रमुख न्यूज चैनल 'शमा टीवी' की वेबसाइट में लिखा गया है, 'भारत ने कश्मीर के लिए विशेष दर्जा रद्द कर दिया है।
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इसने अपने संविधान के अनुच्छेद 35 ए और 370 को खत्म कर दिया है।' वेबसाइट ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में दिए गए बयान का उल्लेख किया है।
आपको बता दें कि शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया। इस विधेयक के मुताबिक लद्दाख अब केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां चंडीगढ़ की तरह विधानसभा नहीं होगी।
वहीं कश्मीर और जम्मू डिविजन विधानसभा के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी। इस विधानसभा के पास अधिकार तो होंगे लेकिन पुलिस और कानून की व्यवस्था केंद्र के हाथों में होगी।
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