गृह मंत्री शाह ने की CM उद्धव से बात, बांद्रा की घटना पर जताई चिंता, कही ये बात
देश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने लाॅकडाउन किया हुआ है। इस बीच मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर मंगलवार को लाॅकडाउन की जमकर धज्जियां उड़ीं।
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने लाॅकडाउन किया हुआ है। इस बीच मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर मंगलवार को लाॅकडाउन की जमकर धज्जियां उड़ीं। अब इस बीच ब्रांदा स्टेशन पर उमड़ी भीड़ को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की हैं। मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बातचीत के दौरान गृह मंत्री ने इस घटना पर चिंता जताई है।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटना से भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई कमजोर पड़ती है। प्रशासन को ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सतर्क रहना होगा। गृह मंत्री ने उद्धव ठाकरे को केंद्र से पूरी मदद की बात भी कही है।
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गौरतलब है कि मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। ये सभी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पर पहुंच गए थे। मजदूरों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का इस्तेमाल करना पड़ा।
स्थानीय नेताओं ने कहा कि लोगों को समझाया गया कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी और हर संभव मदद की जाएगी। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार इन मजदूरों के खाने का इंतजाम करेगी। हम मजदूरों को समझा रहे हैं कि उनकी परिस्थितियों को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे।
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आदित्य ठाकरे का केंद्र पर निशाना
इस मामले पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बांद्रा स्टेशन पर वर्तमान स्थिति, मजदूरों को हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि सूरत में हाल में कुछ मजदूरों ने दंगा किया था। केंद्र सरकार उन्हें घर पहुंचाने को लेकर फैसला नहीं ले पा। प्रवासी मजदूर खाना और शेल्टर नहीं चाहते हैं, वे घर जाना चाहते हैं।
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मुंब्रा में भी बांद्रा जैसी घटना
मुंब्रा में भी बांद्रा जैसी घटना घटी है। यहां पर मजदूरों की भीड़ जमा हो गई। उनकी मांग थी कि उन्हें उनके घर जाने दिया जाए। कई मजदूर तो पैदल ही जाना चाहते थे। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन बाद में लाठीचार्ज करना पड़ा। मजदूरों का कहना है कि उनके पैसे खत्म हो गए हैं और उनके पास खाने के लिए भी कुछ नहीं है।