शाह की सियासी स्ट्राइक से मुसीबत में ममता, किला बचाने के साथ पलटवार की तैयारी

पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सियासी स्ट्राइक से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में खलबली मच गई है। पश्चिम बंगाल में पिछले 10 सालों से राज कर रहीं ममता बनर्जी को अमित शाह की अगुवाई में भाजपा ने तगड़ा झटका दिया है। 

Update:2020-12-20 10:16 IST
शाह की सियासी स्ट्राइक से मुसीबत में ममता, अब किला बचाने के साथ पलटवार की तैयारी

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सियासी स्ट्राइक से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में खलबली मच गई है। पश्चिम बंगाल में पिछले 10 सालों से राज कर रहीं ममता बनर्जी को अमित शाह की अगुवाई में भाजपा ने तगड़ा झटका दिया है।

शनिवार को 11 विधायकों के साथ ही एक सांसद और पूर्व सांसद की भाजपा ने एंट्री के बाद अमित शाह ने हुंकार भरी कि पार्टी में दीदी अब अकेली रह जाएंगी। भाजपा तृणमूल कांग्रेस को जड़ से उखाड़ देखेगी। दूसरी ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना किला बचाने के साथ ही बागियों को उनके गढ़ में घेरने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। ममता ने बागियों के गढ़ में पहुंचकर मतदाताओं से सीधे संपर्क साधने की रणनीति तैयार की है।

ममता झेल रहीं सबसे बड़ी बगावत

देश की सियासत में अपने जुझारू तेवर के लिए जाने जाने वाली ममता बनर्जी अपने सियासी जीवन की सबसे बड़ी बगावत झेल रही हैं। तृणमूल कांग्रेस एक बड़े वर्ग में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर काफी नाराजगी है।

पार्टी के कई मंत्रियों, विधायकों और सांसदों का आरोप है कि ये दोनों नेता मनमाने तरीके से पार्टी को चलाने की कोशिश कर रहे हैं। यही कारण है कि भाजपा को टीएमसी में सेंध लगाने का अच्छा मौका मिल गया और गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके का फायदा उठाते हुए टीएमसी में बड़ी सेंध लगा दी।

ममता को भी नहीं होगी ऐसी सुनामी की कल्पना

अमित शाह ने शनिवार को मिदनापुर की रैली में ममता बनर्जी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि दीदी ने मां, माटी और मानुष के नारे के साथ सत्ता हासिल की थी मगर उसे तुष्टीकरण, तानाशाही, भाई-भतीजावाद, टोलाबाजी और भ्रष्टाचार में बदल दिया।

उन्होंने कहा कि अभी तो यह शुरुआत है। मैं जैसी सुनामी देख रहा हूं, वैसी ममता बनर्जी ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। ममता बनर्जी और उनके पार्टी जितनी हिंसा करेगी, भाजपा के कार्यकर्ता उतना ही जोर लगाकर उसका सामना करेंगे। राज्य में हिंसा की घटनाओं में 300 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता मारे गए हैं मगर दीदी को अब यह समझ लेना चाहिए कि वे और कितने लोगों को मारेंगे क्योंकि पूरा बंगाल उनके खिलाफ खड़ा हो गया है।

सोनार बांग्ला बनाने का शाह का वादा

शाह ने एक बार फिर विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा करते हुए कहा कि बंगाल में भाजपा ही सभी समस्याओं का समाधान कर सकती है। उन्होंने टीएमसी, कांग्रेस और लेफ्ट से आने वाले नेताओं का भाजपा में स्वागत करते हुए बंगाल के मतदाताओं से कहा कि आपने कांग्रेस को तीन दशक तक मौका दिया, 34 साल लिफ्ट को दिया, 10 साल ममता को दिया। अब हम आप से 5 साल भाजपा को देने का आशीर्वाद मांग रहे हैं और हम वादा करते हैं कि हम बंगाल को सोनार बांग्ला बना देंगे।

शाह का दूसरे दिन भी व्यस्त कार्यक्रम

आपको बता दें , कि अमित शाह का दूसरे दिन भी पश्चिम बंगाल में व्यस्त कार्यक्रम है और वे विश्वभारती विश्वविद्यालय जाने के साथ ही शांतिनिकेतन के रविंद्र भवन में गुरु रविंद्र नाथ टैगोर को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। विश्वविद्यालय के संगीत भवन के बांग्लादेश भवन सभागार में लोगों को संबोधित करने के साथ ही बीरभूम का दौरा भी करेंगे। एक लोक गायक के घर भोजन करने के बाद अमित शाह का बोलपुर में रोड शो का भी कार्यक्रम है। बंगाल में अपनी ताकत दिखाने के बाद में शाम को अमित शाह प्रेस वार्ता में भाजपा की चुनावी रणनीति का खुलासा करेंगे।

शुभेंदु ने भी ममता को घेरा

अमित शाह के साथ ही ममता के करीबी रह चुके और बंगाल की सियासत में कद्दावर नेता माने जाने वाले शुभेंदु अधिकारी ने भी राज्य में भाजपा की सरकार बनने का दावा किया है। उन्होंने ममता बनर्जी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि वे राज्य को बाहरी व भीतरी के आधार पर बांटना चाहती हैं।

उन्होंने कहा कि टीएमसी की इस संकीर्ण राजनीति पर शर्म आती है। ममता बनर्जी को अब यह समझ लेना चाहिए कि पश्चिम बंगाल के लोग अब ज्यादा दिनों तक उनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं।

टीएमसी बोली-वायरस मुक्त हो गई पार्टी

बता दें, कि टीएमसी में हुई इस बगावत से ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। हालांकि पार्टी ने सियासी तौर पर यह दिखाने की कोशिश की कि इन नेताओं के जाने से पार्टी को कोई नुकसान होने वाला नहीं है।

टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कई पार्टी नेताओं की बगावत के बाद टिप्पणी करते हुए कहा कि धोखेबाज नेताओं की विदाई से टीएमसी वायरस मुक्त हो गई है। उन्होंने कहा कि नेताओं के पार्टी छोड़ने से विधानसभा चुनावों में पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।

बागी नेताओं को गढ़ में घेरने की तैयारी

वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुभेंदु अधिकारी और अन्य बागी नेताओं को उनके गढ़ में घेरने की रणनीति तैयार करने में जुट गई हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि ममता को पहले से ही पता था कि शुभेंदु अधिकारी भाजपा में जाने वाले हैं और इसी कारण उन्होंने कभी खुद शुभेंदु से कोई बातचीत नहीं की।

उनके कोरोना से संक्रमित होने पर भी ममता ने उनके पिता शिशिर अधिकारी से बात जरूर की मगर सीधे तौर पर शुभेंदु से कोई बातचीत नहीं की। अब ममता बनर्जी ने बागियों को सबक सिखाने का फैसला किया है।

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कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करेंगी ममता

तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी की योजना बागियों के गढ़ में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करने की है। पूर्वी मिदनापुर में इन कार्यकर्ता सम्मेलनों के जरिए ममता बनर्जी मतदाताओं को यह बताना चाहती हैं कि शुभेंदु और उनके साथ पार्टी छोड़ने वाले नेताओं ने उनकी पीठ में छुरा भोंका है। सियासी जानकारों के मुताबिक बागियों पर हमले के साथ ही ममता अपनी सरकार की विकास योजनाओं का प्रचार भी करेंगी।

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अभी कुछ और विधायक छोड़ सकते हैं पार्टी

जानकारों का कहना है कि अभी कुछ और विधायक टीएमसी छोड़कर भाजपा जाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी इस बार अपने सभी मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं देना चाहतीं।

पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों की रिपोर्ट तैयार की है जिससे पता चला है कि कई विधायकों की अपने चुनाव क्षेत्रों में अच्छी छवि नहीं है और उन्हें टिकट देने का प्रतिकूल असर पड़ सकता है। अब ऐसे विधायक जिनका टिकट कटने की संभावना है, वे भाजपा में जाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

अंशुमान तिवारी

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