BBC Controversy का जिन्न फिर निकला बाहर ! PM मोदी के US विजिट से पहले मानवाधिकार संगठनों ने किया बड़ा ऐलान
BBC Documentary: साल 2002 में हुए गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के रिलीज होने के साथ ही कई विवाद जुड़े थे। मोदी सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगा दिया।
BBC Controversy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi US Visit) के अमेरिकी दौरे से पहले एक बार फिर बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' (India: The Modi Question) सुर्खियों में है। अमेरिका में दो मानवाधिकार संगठनों (Human Rights Organizations) ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान किया है। विदेशी समाचार एजेंसी की खबर की मानें तो ये स्क्रीनिंग अमेरिका के वाशिंगटन में की जाएगी।
आपको बता दें, पीएम मोदी को केंद्र में रखकर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' दो हिस्सों में आई है। डॉक्यूमेंट्री 2002 में हुए गुजरात दंगों (Gujarat Riots) के जांच का दावा करती है। इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी की भूमिका को संदिग्ध तौर पर दिखाया गया है।
'भारत में बैन करने के खिलाफ होगी स्क्रीनिंग'
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी के अनुसार, ह्यूमन राइट्स वॉच (Human Rights Watch) और एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने 20 जून को एक प्राइवेट स्क्रीनिंग के आयोजन का ऐलान किया है। इस स्क्रीनिंग में अमेरिकी सांसद, मीडिया कर्मी और पत्रकार तथा विश्लेषण कर्ताओं को आमंत्रित किया गया है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने 12 जून को स्क्रीनिंग का ऐलान किया कि, वो चाहती कि लोगों को ये पता चले कि डॉक्यूमेंट्री को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
PM मोदी का US विजिट कब से?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिकी दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। वो ऐसा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे, जो लगातार दूसरी बार अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। 22 जून को भारतीय प्रधानमंत्री व्हाइट हाउस (The White House) में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) से मुलाकात करेंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्याँ-पिएरे के अनुसार, इस मुलाकात से 'भारत और अमेरिका के पारिवारिक और दोस्ताना रिश्तों को पहले से ज्यादा मजबूती मिलेगी।'
मोदी की यात्रा से पहले एक्टिव हुए मानवाधिकार संगठन
पीएम मोदी की इस यात्रा से पहले ही अमेरिका स्थित मानवाधिकार संगठन एक्टिव हो गए हैं। वे लगातार भारत सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। अमेरिकी संगठन मानवाधिकारों की अनदेखी तथा भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ दुर्व्यवहार जैसे गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। इन संगठनों का मानना है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत में कट्टरपंथी ताकतें और मानवाधिकारों का उल्लंघन बढ़ा है। साथ ही, 'मीडिया की आजादी' कम हुई है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का आरोप रहा है कि बीजेपी सरकार ने मुस्लिम तथा अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाया है। अपनी ध्रुवीकरण की नीतियों से कई तरह के जुल्म ढाए हैं।