इस बैंक में बरसा पैसा: हुआ 26% का लाभ, कमाए: 1,221 करोड़ रूपए
कोरोना के इस संकट के काल में आईसीआईसीआई बैंक को लाभ हुआ है। बैंक ने कोविड-19 महामारी के संभावित प्रभाव के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
नई दिल्ली: पूरे देश में इस समय कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है। जिसके चलते लगभग पिछले एक महीने से देश में लॉकडाउन भी लागू है। ऐसे में देश में सारी सेवायें और सुविधाएं बाधित हैं। देश में कई चीजों को लेकर संकट है। देश इस समय आर्थिक संकट से भी गुजर रहा है। ऐसे में देश के प्रमुख प्राइवेट बैंकों में से एक ICICI Bank को लाभ हुआ है। बैंक का बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 6.91 प्रतिशत बढ़कर 1,251 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
बैंक को हुआ 26% का लाभ
कोरोना के इस संकट के काल में आईसीआईसीआई बैंक को लाभ हुआ है। गौरतलब है कि बैंक ने कोविड-19 महामारी के संभावित प्रभाव के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। प्राइवेट लाइन के दूसरे सबसे बड़े बैंक का शुद्ध लाभ 26 प्रतिशत बढ़कर 1,221 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 969 करोड़ रुपये था। पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में एकल आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ 135 प्रतिशत बढ़कर 7,930.81 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। ऐसे में बैंक के अध्यक्ष संदीप बत्रा ने बताया कि इससे पिछली तिमाही में बैंक को 4,300 करोड़ रुपये के कर्जों की वसूली अवरुद्ध हुई थी। एनपीए में आलोच्य तिमाही में बढ़ोतरी की वजह दो खाते हैं।
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इनमें एक पश्चिम एशिया की स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की कंपनी और सिंगापुर की एक व्यापार कंपनी का खाता है। दोनों ही मामलों में कर्ज लेने वालों ने बैंकों के सामने अपनी सही वित्तीय स्थिति नहीं रखी। जिसके बाद बैंक ने इन दोनों ही खातों के लिए एक विशेष उल्लेखनीय प्रावधान किया है और भविष्य में इन खातों से और दबाव की संभावना नहीं है। फ़िलहाल कुल मिलाकर एकल आधार पर बैंक का प्रावधान बढ़कर 5,967 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो एक साल पहले 5,451 करोड़ रुपये और इससे पिछली तिमाही के दौरान 2,083 करोड़ रुपये था। इसमें कोविड-19 के प्रभाव के लिए किया गया 2,725 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल है।
चुनौतीपूर्ण समय में भी दिख रहे अवसर- ICICI अध्यक्ष
बैंक की ओर से कहा गया कि कोविड-19 के लिए प्रावधान संभावित दबाव के लिए किया है। इस प्राइवेट बैंक द्वारा किया गया कोविड-19 के लिए ये प्रावधान रिजर्व बैंक द्वारा सुझाए गए 600 करोड़ रुपये के प्रावधान से कहीं अधिक है। बैंक अध्यक्ष संदीप बत्रा ने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद बैंक को वृद्धि के अवसर दिख रहे हैं। बैंक डिजिटल विकल्पों पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा। इस वित्तवर्ष के लिए बैंक ने ऋण में वृद्धि का कोई लक्ष्य तय नहीं किया है।
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बैंक की ओर से बताया गया कि समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज-आय 17 प्रतिशत बढ़कर 8,927 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसका शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.87 प्रतिशत रहा। इस दौरान शुल्कों से प्राप्त आय में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। बैंक का ऋण कारोबार तिमाही के अंत में 6.45 लाख करोड़ रुपये के स्तर का था।