नई दिल्ली: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मंडी के शोधकर्ताओं ने बड़ा कारनामा कर दिखाया है। उन्होंने लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एक ऐसी नायाब सड़क बना डाली है। जिस पर चलने से बिजली पैदा होती है।
शोधकर्ताओं के इस रिसर्च की चर्चा आज पूरे आईआईटी में हो रही है। शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर इस सड़क को लेकर बड़े पैमाने पर काम किया जाए तो ऊर्जा की बड़ी समस्या खत्म की जा सकती है।
साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि ऐसी सड़कें क्या वाकई में सामान्य स्थिति में चलेंगी। क्या इतना तापमान, बारिश, दबाव और घर्षण बर्दाश्त कर सकेंगी।
CPPnet 2020 परीक्षा: 7 जनवरी को शुरू, जानें किन चार शहरों में हो रही
सड़क को बनाने में पीजोइलेक्ट्रिक मटेरियल का इस्तेमाल किया
दरअसल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मंडी के शोधकर्ताओं ने डॉ. राहुल वैश की निगरानी में ये कारनामा कर दिखाया है। इस सड़क को बनाने वालो शोधकर्ताओं के लीडर डॉ राहुल वैश ने बताया कि उन्होंने इस सड़क को बनाने के लिए पीजोइलेक्ट्रिक मटेरियल का इस्तेमाल किया है।
जो कि एक खास तरह की वस्तु है जिसका इस्तेमाल मैकेनिकल एनर्जी से इलेक्ट्रिकल एनर्जी बनाने में किया जाता है। कहने का मतलब ये हैं कि सड़क पर पड़ने वाले दबाव, खिंचाव और घर्षण से जो मैकेनिकल ऊर्जा पैदा होगी, वह इलेक्ट्रिकल एनर्जी में परिवर्तित हो जाएगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉ. राहुल वैश ने बताया ऐसे मटेरियल को हर सड़क और गली में लगाना चाहिए। इससे बिजली की समस्या का सीधा, सहज और सरल समाधान हो सकता है।
सरकारी नौकरी का मौका: इन विभागों में निकली बंपर वैकेंसी, यहां पढ़िए पूरी डिटेल्स
सड़क को बनाने में इस तकनीक का किया गया इस्तेमाल
डॉ. राहुल वैश और उनकी टीम ने पीजोइलेक्ट्रिक मटेरियल से बनने वाली सड़क में नई टेक्नोलॉजी का उपयोग करके उसकी क्षमता बढ़ा दी है। इस टेक्नोलॉजी का नाम है ग्रेडेड पोलिंग।
ग्रेडेड पोलिंग की वजह से पीजोइलेक्ट्रिक मटेरियल से बनी सड़क की बिजली पैदा करने की क्षमता 100 गुना ज्यादा हो जाएगी। यानी अगर सड़क 1 वॉट बिजली पैदा कर रही थी, तो वह 100 वॉट बिजली पैदा करेगी।
MP Board Exam 2021: छात्रों के लिए खुशखबरी, परीक्षा पर हुआ ये बड़ा ऐलान