आपके घर में छुपा है इम्युनिटी बूस्टर, आयुर्वेदाचार ने बताये घरेलु उपाय

डॉ. अर्पिता सी राज ने कहा कि खान-पान में कुछ सामान्य चीजों को आदत में लाने से पाचनतंत्र सक्रिय बना रहता है, जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है।

Update: 2020-05-08 10:45 GMT

पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। देश में इस वायरस के फैलते संक्रमण को कम करने के लिए सरकार द्वारा देश में पिछले लगभग 45 दिनों से लॉकडाउन लागू किया गया है। जिसके चलते देश की अधिकतम जनता अपने-अपने घरों में ही कैद है। ऐसे में लोग अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों को बनवाकर खा रहे हैं। और बाहर का सबकुछ और ऑफिस कार्यालय बंद होने की वजह से कहीं आना जाना भी नहीं है। जिससे शारीरिक मूवमेंट भी कम हो गया है। ऐसे में लोगों का हाजमा काफी बिगड़ रहा है। लोगों को कब्ज, एसिडिटी, पेट में भारीपन तथा अपच की शिकायत हो रही है। ऐसे में लोगों की समस्याओं के लिए हम आपके लिए लाए हैं आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डॉ. अर्पिता सी राज के घरेलू उपचारों को।

गुनगुना पानी है खाना पचाने में सहायक

देश में फैली इस घातक महामारी से बचने के लिए आयुष मंत्रालय की ओर से भी कहा गया है कि सभी को अपनी इम्युनिटी को मजबूत रखना है। इसमें कानपुर के चिकित्साधिकारी, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डॉ. अर्पिता सी राज का कहना है कि खान-पान में कुछ सामान्य चीजों को आदत में लाने से पाचनतंत्र सक्रिय बना रहता है, जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है। डॉक्टर साहेब ने बताया कि अधिकांश लोग खाना खाने के बाद ठंडा पानी पीते हैं, जो पाचनतंत्र को सुस्त बनाता है।

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इससे एब्साप्र्शन, एसिमिलेशन, मेटाबॉलिज्म और डाइजेशन ठीक से काम नहीं कर पाते। जिसका नतीजा होता है कि खाना सही से पाच नहीं पाता है और वो टॉक्सिन में परिवर्तित हो जाता है। ऐसे में हमें गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि ये पाचन क्रिया को तेज कर देता है। डॉ. अर्पिता राज कहना है कि परिस्थितियों को देखते हुए इस संक्रमण काल में आयुर्वेद में वर्णित जीवनशैली, संतुलित भोजन, आहारविहार, घर पर ही व्यायाम, योग, प्राणायाम सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं।

अपनाएं ये उपाय

ऐसे में आयुर्वेदाचार डॉ. अर्पिता सी राज ने घर में ही उपस्थित चीजों के कुछ उपचार बताए हैं जिनसे इम्युनिटी भी बढ़ेगी और स्वास्थ्य भी सही रहेगा। डॉक्टर अर्पिता ने बताए ये उपचार-

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दही व छाछ पाचनतंत्र को सक्रिय बनाएगा।

लहसुन, अदरक, नींबू का सेवन जरूर करें।

दालचीनी तथा मेथी मेटाबॉलिज्म ठीक रखते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट युक्त सूखे मेवों का सीमित मात्रा में प्रयोग करें।

भय, गुस्सा और उलझन के कारण एंजाइम का स्राव असंतुलित होने से पित्त बढ़ता है, जो पाचनतंत्र को खराब करता है।

पर्याप्त मात्रा में नींद भी जरूरी है लेकिन असमय सोने से बायोलॉजिकल क्लॉक डिस्टर्ब होती है और इससे पाचनतंत्र प्रभावित होता है।

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