भारत बंद: GST के विरोध में उत्तर से दक्षिण तक दिखा असर, दिल्ली में खुले रहे बाजार

व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी के प्रावधान बहुत ही जटिल, कठोर और पीछे ले जाने वाले हैं, जीएसटी के मौजूदा स्वरूप ने कारोबारियों की बेचैनी बढ़ा दी है और GST में बहुत सारे नये नियम आ रहे हैं जो कि व्यापारियों की दृष्टि से बहुत ही खतरनाक हैं।

Update: 2021-02-26 10:22 GMT
भारत बंद: GST के विरोध में उत्तर से दक्षिण तक दिखा असर, दिल्ली में खुले रहे बाजार

रामकृष्ण वाजपेयी

जीएसटी के विरोध में व्यापारियों के भारत बंद का आज व्यापक असर दिखा। कई राज्यों में जहां इसका 80 फीसदी तक असर रहा वहीं कुछ राज्यों में लगभग 30 फीसदी दुकानें बंद रहीं। व्यापारियों का आरोप है कि 2017 में जीएसटी एक सुविधाजनक कानून के रूप में लागू हुआ था लेकिन इसके लागू होने के बाद से गड़बड़ियां कम करने के नाम सरकार इसे कठिन से कठिन बनाती चली गई। अब तक सरकार ने इसमें 900 से अधिक संशोधन किये हैं। अब पानी सिर के ऊपर से गुजर गया है। सरकार को हमारी आवाज सुननी ही होगी।

भारत बंद

खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने भारत बंद के असर के संबंध में कि राष्ट्रीय राजधानी में दोपहर दो बजे के बाद बाजार बंद रहेंगे। हालांकि खबरें ये हैं कि व्यापारियों के संगठन चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने बंद का विरोध कर खुद को इससे अलग रखा है। सीटीआई ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से व्यापारियों की महापंचायत बुलाई, जिसमें दिल्ली की 240 बड़ी व्यापारिक संस्थाओं ने हिस्सा लिया। सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा है कि मीटिंग में तय किया गया है कि जीएसटी के काले कानूनों का विरोध जारी रहेगा लेकिन दिल्ली बंद करना इसका समाधान नहीं है इसलिए दिल्ली में आज समस्त बाजार और दुकानें खुली हैं।

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कई राज्यों में बाजार बंद

महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में सभी प्रमुख बाजार सुबह से बंद रहे, दक्षिण भारत में भी बंद का जबर्दस्त प्रभाव रहा यहां 70-80 प्रतिशत बाजार बंद रहे। पूर्वोत्तर राज्यों से भी जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक वहां लगभग 70 प्रतिशत बाजार बंद हैं।

क्यों हुआ भारत बंद

इस बंद के बाद व्यापारियों का संगठन कैट ने एक मार्च से जीएसटी संबंधित मुद्दों को लेकर विभिन्न राज्यों में मुख्यमंत्रियों को लक्ष्य कर आक्रामक अभियान छेड़ने का एलान किया हुआ है। कैट ने जीएसटी के नियमों की समीक्षा करने की मांग को लेकर ये बंद बुलाया है। व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी के प्रावधान बहुत ही जटिल, कठोर और पीछे ले जाने वाले हैं, जीएसटी के मौजूदा स्वरूप ने कारोबारियों की बेचैनी बढ़ा दी है और GST में बहुत सारे नये नियम आ रहे हैं जो कि व्यापारियों की दृष्टि से बहुत ही खतरनाक हैं।

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