उर्जित पटेल नोटिस मामले में RBI ने जवाब देने के लिए 26 नवंबर तक की मांगी मोहलत
नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआइसी) से 26 नवंबर तक की मोहलत मांगी है। वहीं सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि अब ये मामला जल्द खत्म हो सकता है।
इसके पीछे एक वजह ये भी बताई जा रही है कि सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु का कार्यकाल 20 नवंबर को पूरा हो जाएगा। पहले सीआइसी ने आरबीआई को जवाब देने के लिए 16 नवंबर तक वक्त दिया था, लेकिन बैंक ने अब 26 नवंबर तक की मोह्लत मांग ली है।
ये है पूरा मामला
सूचना के अधिकार कानून के अंतर्गत बैंक के कर्ज नहीं चुकाने वालों की जानकारी देने से आरबीआई के मना करने पर सीआइसी ने उर्जित पटेल को कारण बताओ नोटिस भेजा था। 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने जयंतीलाल मिस्त्री केस में आरबीआई से तत्कालीन सूचना आयुक्त शैलेश गांधी के उस आदेश का पालन करने को कहा था जिसमें उन्होंने सूचना के अधिकार कानून के अंतर्गत कर्ज नहीं चुकाने वालों का खुलासा करने का आदेश जारी किया था।
तब सूचना आयुक्त आचार्युलु ने कहा था कि केंद्रीय सरकारी सूचना अधिकारी (सीपीआइओ) के लेबल पर सुप्रीम कोर्ट की इस तरह से अवज्ञा नहीं की जा सकती। उन्होंने आरटीआई कानून के तहत सूचना नहीं देने पर आरबीआई गवर्नर को सीपीआइओ के तौर पर माना था और कहा था कि सर्वोच्च अदालत के आदेश के बावजूद सूचना के प्रवाह में रुकावट पहुंचाने के लिए क्यों नहीं उनके खिलाफ ज्यादा से ज्यादा अर्थदंड लगना चाहिये।
ये भी पढ़ें...गतिरोध दूर करने को सरकार और आरबीआई दोनों को ‘कुछ नरमी’ दिखानी होगी: पनगढ़िया
ये भी पढ़ें...क्या है केंद्र सरकार का आरबीआई से विवाद और क्या इस्तीफा देंगे उर्जित पटेल
ये भी पढ़ें...रुपये में गिरावट रोकने को आरबीआई के दखल से विदेशी पूंजी भंडार घटा