1000 करोड़ से ज्यादा की ब्लैकमनी, इनकम टैक्स ने मारे इसके 13 ठिकानों पर छापे

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भारत होटल्स ग्रुप के 13 ठिकानों पर छापे मारे। यह ग्रुप देश में ललित होटल चेन का संचालन करता है। इस दौरान टैक्स डिपार्टमेंट को 1000 करोड़ से ज्यादा अघोषित विदेशी संपत्तियों और वहां जमा की गई ब्लैकमनी का पता चला है।

Update: 2020-01-25 05:34 GMT

नई दिल्ली: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भारत होटल्स ग्रुप के 13 ठिकानों पर छापे मारे। यह ग्रुप देश में ललित होटल चेन का संचालन करता है। इस दौरान टैक्स डिपार्टमेंट को 1000 करोड़ से ज्यादा अघोषित विदेशी संपत्तियों और वहां जमा की गई ब्लैकमनी का पता चला है। सेंट्रल बोर्ड फॉर डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने बताया कि 19 जनवरी को ग्रुप और इसके अधिकारियों के ठिकानों पर छापे मारे गए थे।

 

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काले धन को बाहर निकालने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए आय कर विभाग ने पिछले दिनों देश के प्रमुख होटल समूह भारत होटल्स और उसके प्रमोटर के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी में 35 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी और विदेश में ग्रुप के एक हजार करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों का पता चला है। यह ग्रुप देश-विदेश में 'द ललित' ब्रांड नाम से लग्जरी होटल चलाता है। दिल्ली में भी इसका एक होटल है।

भारत होटल्स ग्रुप ने हाल ही में देश में भारी निवेश करने की घोषणा की थी। ग्रुप की प्रबंध निदेशक (एमडी) ज्योत्सना सूरी का भारत के उद्योग जगत में अलग रसूख है और वह प्रमुख उद्योग चैंबर फिक्की की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। इसके अलावा वह सरकार की तरफ से गठित कई समितियों में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में छापेमारी की जानकारी तो दी गई है, लेकिन होटल समूह का नाम नहीं बताया गया है।

 

जबकि, अधिकारियों ने बताया कि भारत होटल्स ग्रुप, उसकी एमडी ज्योत्सना सूरी और अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। आयकर विभाग ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 13 ठिकानों पर 19 जनवरी को छापे मारे थे। इसमें 24.93 करोड़ रुपये की बेनामी परिसंपत्तियां बरामद की गई हैं, जिसमें 71.3 लाख रुपये नकद, 23 करोड़ रुपये के गहने और 1.2 करोड़ रुपये की घडि़यां शामिल हैं। छापेमारी में मिले दस्तावेजों से पता चलता है कि ग्रुप ने विदेश के कई बैंकों में अरबों रुपये का काला धन भी छिपा रखा है।

इस ग्रुप ने 20वीं सदी के आखिरी दशक से ही टैक्स हैवेन समझे जाने वाले देशों में ट्रस्ट बना कर अपनी काली कमाई को ठिकाने लगाना शुरू कर दिया था। ये ट्रस्ट इस तरह से विदेशों में पैसा जमा कराते हैं कि इसके असली मालिक या प्रमोटर का पता दशकों तक नहीं लगता है। कई देशों में निवेश होने और असली प्रमोटर को छिपाने के कई रास्ते आजमाए गए हैं।

 

 

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ग्रुप के प्रमुख प्रमोटर ने अपने एक करीबी रिश्तेदार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस ट्रस्ट मुखिया बना रखा है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक अब इस समूह के काले कारनामों पर से पर्दा हट गया है। ग्रुप की विदेश में एक हजार से अधिक की बेनामी संपत्तियों का पता चला है। इनमें ब्रिटेन में एक होटल में निवेश, ब्रिटेन के साथ ही संयुक्त अरब अमीरात में अचल संपत्तियों में निवेश और बैंक में जमा धनराशि शामिल है।

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