चीन ने फिर चली चाल: LAC पर कर रहा ऐसा काम, भारत को आया गुस्सा
चीन ने लद्दाख के दो हिस्सों डेपसांग समतल क्षेत्र और दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में निर्माण गतिविधियां बढ़ा दी है। भारत को चीन के इस निर्माण से आपत्ति हैं।
नई दिल्ली: भारत और चीन के कमांडर लद्दाख में एलएसी पर तनाव को कम करने की बात कर रहे हैं लेकिन चीन की चालें और लद्दाख में जारी गतिविधियों से ऐसा नहीं लग रहा कि चीन दोनों देशों के विवाद को कम करने के मूड में है। मिली जानकारी के मुताबिक, चीन अब डेपसांग के मैदानों में निर्माण कार्य करवा रहा है, जिसपर भारत ने आपत्ति जताई है।
डेपसांग और दौलत बेग ओल्डी में चीनी निर्माण गतिविधियां बढ़ी
चीन ने लद्दाख के दो हिस्सों डेपसांग समतल क्षेत्र और दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में निर्माण गतिविधियां बढ़ा दी है। भारत को चीन के इस निर्माण से आपत्ति हैं। भारत की ओर से चीनी सेना के निर्माण गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाई गयी। इस बाबत राजनयिक और सैन्य स्तर पर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई। भारत के राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन के प्रतिनिधयों से एलएसी पर कराये जा रहे सैन्य निर्माण के मुद्दे को हल करने की दिशा में चर्चा की।
LAC पर चीन सेना के निर्माण पर भारत ने जताई आपत्ति
भारत ने आरोप लगाया कि चीन ने सैन्य अभ्यास की आड़ में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर बड़े स्तर पर चीनी सैनिकों की तैनाती की और भारी संख्या में युद्ध सामग्री तैयारी की। इसकी पुष्टि कमर्शियल सैटेलाइट के जरिये की जा सकती है। भारत की ओर से कहा गया कि चीन डेपसांग के मैदानी क्षेत्र और डीओबी सेक्टर में चीनी बिल्डअप और कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी कर रहा है, इसपर भारत को आपत्ति है।
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पेट्रोलिंग पॉइंट 10 पर चीन डाल रहा भारतीय सैनिकों की गश्त में रुकावट
वहीं भारत ने चीन से बातचीत के दौरान चीनी सेना द्वारा एलएसी पर पेट्रोलिंग पॉइंट 10 से भारतीय सैनिकों की गश्त में रुकावट पैदा करने का भी मुद्दा उठाया। बताया गया कि पेट्रोलिंग प्वाइंट 13 में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हो रहा है।
पेट्रोलिंग पॉइंट 14 और 15 कर चीन ने तैनात किए थे सैनिक
इसके पहले दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच गलवान को लेकर सुलह हुई थी। दरअसल गलवान घाटी के पेट्रोलिंग पॉइंट 14 और 15 में चीनी सैनिक आगे तक बढ़ आये थे। जिन्हे भारत ने पीछे जाने को कहा।
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दोनों देशों की सेनाओ के बीच इस क्षेत्र में तनाव बढ़ गया और सैनिकों की तैनाती भी बढ़ा दी गयी। हालंकी बाद में अजीत डोभाल में चीन से करीब 3 घंटे बातचीत की, जिसके बाद दोनों देशों के सैनिक पीछे हट गए थे। दोनों पक्ष अपनी पुरानी स्थिति में वापस आ गए, ताकि कोई भी नया पेट्रोलिंग जोन न बनाया जा सके।
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