भारत और अमेरिका के बीच होगा ये बड़ा समझौता, चीन-पाकिस्तान में मची खलबली

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष मार्क टी एस्पर ने सोमवार को मुलाकात की। इस दौरान संतोष जताया कि दोनों देश मंगलवार को BECA पर हस्ताक्षर करेंगे। इस समझौत से भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा।

Update:2020-10-26 21:59 IST
भारत और अमेरिका मंगलवार को BECA पर हस्ताक्षर करेंगे। इस समझौत से भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा।

लखनऊ: भारत और अमेरिका के बीच मंगलवार को एक बड़ा समझौत होने जा रहा है। इस समझौते का नाम बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन अग्रीमेंट (BECA) है। दोनों देशों के बीच इस समझौते से पाकिस्तना और चीन की चिंता बढ़ गई है। अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री तीसरी '2+2' मंत्री स्तरीय बैठक के भारत आए हुए हैं।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष मार्क टी एस्पर ने सोमवार को मुलाकात की। इस दौरान संतोष जताया कि दोनों देश मंगलवार को BECA पर हस्ताक्षर करेंगे। इस समझौत से भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा। इसके मुताबिक, दोनों देश अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजोसामान और भू-स्थानिक मानचित्र (जियोस्पेशल मैप) साझा कर पाएंगे।

पहले हो चुके हैं ये समझौते

BECA भारत और अमेरिका के बीच होने वाले चार मूलभूत समझौतों में से आखिरी है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच लॉजिस्टिक्स और सैन्य सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इनमें से पहला समझौता 2002 में दोनों देशों ने किया था जो सैन्य सूचना की सुरक्षा को लेकर था। दो अन्य समझौते 2016 और 2018 में हुए जो लॉजिस्टिक्स और सुरक्षित संचार से संबंधित थे। BECA समझौते के बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंध और मजबूत होंगे।

ये भी पढ़ें...बिहार चुनाव: BJP विधायक को दोबारा हुआ कोरोना, कर रहे थे चुनाव प्रचार

क्या है BECA एग्रीमेंट

-बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन अग्रीमेंट (BECA) के तहत भारत को अमेरिका के भू-स्थानिक मैप का इस्तेमाल करने की इजाजत होगी। इससे ऑटोमैटिक हार्डवेयर प्रणालियों और क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन जैसे हथियारों से सटीक निशाना लगाया जा सकता है।

-BECA के तहत भारत को अमेरिका सशस्त्र मानवरहित ड्रोन देगा, जैसे प्रिडेटर-बी. प्रीडेटर-बी दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले के लिए स्थानिक डेटा का इस्तेमाल करता है।

-BECA दोनों देशों के बीच चार संस्थापक सैन्य संचार समझौतों में से एक है। अन्य तीन GSOMIA, LEMOA, CISMOA हैं। इन समझौतों के मुताबिक, कई तरह की रक्षा सूचनाएं आपस में साझा होती हैं।



क्या है ये 2+2 वार्ता?

बता दें कि किसी भी दो देशों के शीर्ष दो मंत्रियों के बीच होने वाली वार्ता टू प्लस टू वार्ता के नाम से जानी जाती हैं। इसकी शुरूआत सबसे पहले जापान ने की थी।

ये भी पढ़ें...राहुल की गलतीः संघ प्रमुख पर किया गया हमला कर गया ‘बूमरैंग’

बाद में दुनिया भर के कई बड़े मुल्कों ने बातचीत का यह तरीका अपने यहां अजमाया। आमतौर पर इस तरह की बातचीत का उद्देश्य केवल और केवल देशों के बीच रक्षा सहयोग के लिए उच्च स्तरीय राजनयिक और राजनीतिक बातचीत को सुविधाजनक बनाना है।

ये भी पढ़ें...TRP पर बड़ा खुलासा: आरोपी करेगा नाम उजागर, कई चैनल मालिकों पर मुसीबत

मालूम हो कि पहली बार भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता की घोषणा 2017 में की गई थी। ये उस वक्त की बात है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार एक दूसरे से मुलाकात की थी। सितंबर 2018 में भारत-अमेरिका के बीच पहली 2+2 मीटिंग हुई जबकि दिसंबर 2019 में दूसरी बार ये बैठक हुई थी।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News