भारत हुआ सख्त: चीन की अकड़ पड़ी ढीली, बदल गए ड्रैगन के सुर

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की तैनाती के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटे चीन की अकड़ ढीली पड़ने लगी है।

Update: 2020-05-27 13:29 GMT

नई दिल्ली। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की तैनाती के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटे चीन की अकड़ ढीली पड़ने लगी है। भारत की जवाबी तैयारी और दबाव की रणनीति नाकाम होने के बाद चीन के सुर नरम पड़ते दिख रहे हैं। पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सीमा पर भारत के साथ स्थिति को सामान्य बताया और अब भारत में चीन के राजदूत ने कहा है कि दोनों देश आपसी मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझा सकते हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा कि चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी एक साथ नाच सकते हैं।

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दोस्ती को और मजबूत बनाने पर जोर

कन्फेडरेशन ऑफ यंग लीडर्स मीट को संबोधित करते हुए भारत में चीन के राजदूत सन विंडोंग ने कहा कि दोनों देशों के रिश्तो को और प्रगाढ़ बनाने की जरूरत है। उनके संबोधन के दौरान चीन के सुर बिल्कुल बदले हुए दिखे।

उन्होंने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि रिश्तों पर मतभेद कभी भी हावी ना हो सकें। बातचीत के जरिए इन मतभेदों का समाधान खोजना होगा।

उन्होंने कहा कि इस समय भारत और चीन दोनों बड़े देश कोविड-19 के खिलाफ साझी लड़ाई लड़ रहे हैंऔर ऐसे माहौल में हमारे ऊपर अपने रिश्ते को और मजबूत बनाने की जिम्मेदारी है।

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साथ नाच सकते हैं ड्रैगन और हाथी

यंग लीडर्स मीट में मौजूद युवाओं से भारत और चीन की दोस्ती को समझने की अपील करते हुए चीन के राजदूत ने कहा कि दोनों देश एक दूसरे के लिए खतरा नहीं है। युवाओं को भारत और चीन के मजबूत रिश्ते के महत्व को महसूस करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि दोनों देश एक दूसरे के लिए अवसरों का दरवाजा खोलते हैं न कि खतरों का। भारत के साथ रिश्ते की अहमियत समझाते हुए उन्होंने कहा कि यह समझना होगा कि ड्रैगन और हाथी एक साथ नृत्य कर सकते हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय का भी नरम रुख

इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय के भी बयान में नरमी का रुख दिखा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने कहा कि भारत के साथ सीमा पर हालात पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण योग्य हैं।

चीन के प्रवक्ता ने कहा कि सीमा से संबंधित मुद्दों पर चीन का रुख पूरी तरह स्पष्ट और सुसंगत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का अप्रत्यक्ष तौर पर जिक्र करते हुए चीन के प्रवक्ता ने कहा कि हम दोनों नेताओं के बीच बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति और दोनों देशों के बीच हुए समझौते का पालन करते रहे हैं। चीन के प्रवक्ता के बयान में भारत के प्रति कोई हमलावर रुख नहीं दिखा और उन्होंने तनाव बढ़ाने वाली किसी बात का जिक्र भी नहीं किया।

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भारत के सख्त रुख से आई नरमी

मालूम हो कि पूर्वी लद्दाख में गाल्वन घाटी और पैंगॉन्ग लेक इर्द गिर्द चीन द्वारा सैनिकों की तैनाती के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तो में तनातनी का माहौल दिख रहा है।

चीन ने पांच मई को इस इलाके में अपने सैनिकों की तैनाती की है और उसके बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए काफी संख्या में अपने सैनिकों को यहां तैनात कर दिया है।

दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय बैठकों के जरिए चीन को इस बात का सख्त संदेश दिया गया है कि भारत किसी भी सूरत में चीन के दबाव में नहीं आने वाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं और माना जा रहा है कि भारत के सख्त रवैये के कारण ही चीन के रुख में नरमी दिख रही है।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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