FASTag Wrong Deduction: टोल प्लाजा पर FAStag से 10 रुपए अतिरिक्त कटने पर NHAI को देने पड़े 8000, जाने पूरा मामला
FASTag Wrong Deduction: बैंगलुरु के ही एक व्यक्ति नें एनएचएआई द्वारा अधिक पैसा वसूली को लेकर उपभोक्ता अदालत में केस कर दिया। इसके बाद अदालत नें प्राधिकरण को भारी मुआवजे का आदेश दे दिया।
Bengaluru News: दिनप्रतिदिन देश में नेशन हाईवे और अक्सप्रेस-वे का जाल फैल रहा है। सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कई मौकों पर इस बात की पुष्टी की है कि प्रति दिन करीब 60 कीमी राजमार्ग का निर्माण हो रहा है। हाईवे पर सेवा सुल्क के लिए टोल-प्लाजा भी बनाए जाते हैं। टोल टैक्स को लेकर कई बार लोग हंगामा भी करते हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला बेंगलुरु में टोल प्लाजा पर देखने को मिला। टोल कर्मी द्वारा अक्स्ट्रा पैसे काटना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को मंहगा पड़ गया। बैंगलुरु के ही एक व्यक्ति नें एनएचएआई द्वारा अधिक पैसा वसूली को लेकर उपभोक्ता अदालत में केस कर दिया। इसके बाद अदालत नें प्राधिकरण को भारी मुआवजे का आदेश दे दिया।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बेंगलुरु के गांधीनगर के रहने वाले संतोष कुमार एमबी नामक सख्स नें साल 2020 में चित्रदुर्ग में एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपने वाहन को एक राउण्ड वाहन चलाया थ इस दौरान उससे टोल टैक्स के नाम पार पांच रुपए अतिरिक्त काट ली गई थी। संतोष ने बताया कि टोला प्लाजा पार करते समय 35 रुपए कटने चाहिए थे लेकिन 40 रुपए कटे। संतोष से 10 रुपए अतिरिक्त वसूले गए। हालांकि 10 रुपये कोई बड़ा अमाउण्ट नहीं है, लेकिन रोज वहां से सैकड़ों गाड़ियां गुजरती हैं। इस हिसाब से सबसे पांच रुपए की अतिरिक्त कटौती किसी बड़े घोटाले से कम नहीं है।
संतोष इस मामले को लेकर प्राधिकरण के आला अधिकारियों से मुलाकात की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अधिकारी सीर्फ इधर से उधर दौड़ाते रहे। इससे आजिज आकर संतोष ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और एनएचएआई को कोर्ट में घसीटा।
संतोष नें अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद निवारण चित्रदुर्ग में सबसे पहले NHAI परियोजना निदेशक और नागपुर में JAS टोल रोड कंपनी लिमिटेड के प्रबंधक पर मुकदमा दायर किया। इसके बाद NHAI की ओर से वकील नें कोर्ट में तर्क दिया कि फास्टैग (FAStag) सिस्टम को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India) द्वारा डिजाइन, डेवलप और कॉन्फ़िगर किया गया है।
NHAI के वकील ने कोर्ट में दी ये दलील
अनएचएआई की ओर से आए अधिवक्ता ने तर्क दिया कि, 1 जुलाई, 2020 तक कारों के लिए टोल चार्ज 38 रुपये एवं लाइट कमर्शियल वेहिकल (LCV) के लिए 66 रुपये था। लेकिन NHAI ने 6 अप्रैल, 2018 को एक सर्कुलर जारी कर इसमें संशोधन किया था। इसके बाद कारों के लिए शुल्क 35 रुपये और एलसीवी के लिए 65 रुपये हो गई थी। अधिवक्ता ने दवा किया कि शुल्क नियमानुसार काटा गया था। मामले को खारिज करने की मांग की।
संतोष को उपभोक्ता अदालत में मिली जीत
प्राधिकरण द्वारा पेश किए गे तमाम दावों के बावजूद संतोष की जीत हुई। कोर्ट नें वशूले गए अतिरिक्त टोल शुल्क को वापस करने एवं 8000 का मुआवजा देने का आदेश दिया। दस रुपए के बदले संतोष को 8000 हजार रुपए मिले।