India China Border: पैंगोंग झील के पास चीन की नापाक हरकत, LAC के पास खड़ा कर रहा टावर्स

Ladakh China Bridges सेटेलाइट तस्वीरों में सड़कें बनती दिख रही हैं। पुल का हिस्सा भी साफ़-साफ दिख रहा है।

Written By :  aman
Update: 2022-08-31 14:19 GMT
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India China Border: चीन की नापाक हरकतें एक बार फिर सामने आई है। लद्दाख (Ladakh) में पैंगोंग झील (Pangong Lake) के पास चीन अवैध निर्माण कर रहा है। इसका चौंकाने वाले तथ्य का खुलासा सैटेलाइट तस्वीरों के सामने आने के बाद हुआ है। इन तस्वीरों को देखने से पता चलता है कि चीन Line of Actual Control (LAC) के पास नई सड़क, पुल और टावर्स बना रहा है। आपको बता दें कि इनमें से अधिकांश निर्माण उस इलाके में हो रहा है जहां चीन ने करीब 60 साल पहले अवैध रूप से कब्जा कर लिया था।

सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों में सड़कें बनती दिख रही हैं। जिसमें पुल का हिस्सा भी साफ़-साफ दिख रहा है। बताया जा रहा है कि नया निर्माण पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे को रुतोग (Rutog) में उत्तरी किनारे से जोड़ने के लिए किया जा रहा है। इस क्षेत्र में चीनी सेना की तैनाती रहती है।

निर्माण में कुछ असामान्य चीजें दिखी 

भारत को प्राप्त सेटेलाइट तस्वीरों में इस निर्माण में कुछ असामान्य चीजें देखने को मिली। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन की ओर से बनाए जा रहे पुल के बीच में तक़रीबन 15 मीटर की दूरी दिख रही है। यह गैप जारी निर्माण कार्य के बावजूद भरा नहीं गया है।

क्या पिछले गतिरोध से चीन ने ली सबक?

चीन के हालिया निर्माण को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उसने पिछली बार की अपनी गलतियों से सबक लिया है। ज्ञात हो कि दो वर्ष पहले जब भारत-चीन (Indo-China) सेना के बीच गतिरोध हुआ था, तब चीन के सैनिक जल्द उन ऊंचे स्थानों पर नहीं पहुंच पाए थे। जहां से दक्षिण के हिस्से को नियंत्रित किया जा सके। तब, इन सामरिक ऊंचाइयों पर भारतीय सेना के जवान पहले ही पहुंच गए थे। इस वजह से चीन को भारत के साथ बातचीत कर गतिरोध को खत्म करना पड़ा था। 


सड़क का कुछ हिस्सा बनकर तैयार 

आपको बता दें कि, स्पेस फर्म 'Maxar Technologies' की ताजा तस्वीरें बताती हैं कि पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में चीन ने सड़क का कुछ हिस्सा लगभग तैयार कर लिया। जबकि, बाकी पर काम तेज गति से जारी है। इस काम को निपटाने के लिए वहां काफी बड़ी और ताकतवर मशीनों को पहुंचाई गई है।

चीन को इस निर्माण से क्या मिलेगा फायदा?

विशेषज्ञ बताते हैं कि, इस पुल के निर्माण होने से चीनी सेना को काफी मदद मिलेगी। उदाहरणस्वरूप चीन को पैंगोंग झील के उत्तर में मौजूद Khurnak Fort से दक्षिण में मौजूद उस स्थान पर पहुंचना है जहां 2020 में गतिरोध हुआ था, तो पहले उसे 12 घंटे का वक्त लगता था। लेकिन, इस पुल के निर्माण होने के बाद अब महज 4 घंटे का ही समय लगेगा। Ladakh : पैंगोंग झील के पास ड्रैगन की नापाक हरकत, LAC के पास बना रहा नई सड़क, पुल और टावर्स

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