भारत-चीन LAC समझौते पर विदेश मंत्री बोले, इन दो वजहों से हुआ समझौता
India - China Border : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-चीन सीमा (LAC) पर दोनों देशों के बीच हुए समझौते को लेकर भारतीय सेना को श्रेय दिया है।
India - China Border : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-चीन सीमा (LAC) पर दोनों देशों के बीच हुए समझौते को लेकर भारतीय सेना को श्रेय दिया है। पुणे में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यदि अगर आज हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं, तो इसका बड़ा हमारी सेना हैं। इसके साथ ही हम अपनी जमीन पर अड़े रहे और अपनी बात को दृढ़ता के साथ रखने प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सेना देश की रक्षा के लिए बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में (एलएसी पर) अपना काम किया और कुशल कूटनीति दिखाई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रूस के कज़ान में ब्रिक्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान यह निर्णय लिया गया था कि दोनों देशों के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मिलेंगे और देखेंगे कि आगे कैसे बढ़ना है। हालांकि, विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों के सामान्य होने में अभी समय लगेगा, जो स्वाभाविक है।
इंफ्रास्ट्रक्चर को किया मजबूत
उन्होंने LAC विवाद पर बात करते हुए कहा कि समस्या का एक हिस्सा यह था कि पिछले वर्षों में सीमा अवसंरचना वास्तव में उपेक्षित थी। उन्होंने कहा कि आज हम एक दशक पहले की तुलना में सालाना पांच गुना अधिक संसाधन लगाते हैं, जो सेना को वास्तव में प्रभावी रूप से तैनात करने में सक्षम बना रहा है। इन वजहों ने आज यहां तक पहुंचाया है।
बता दें कि इस सप्ताह की शुरुआत में भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इससे 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न हुए मुद्दों का समाधान हुआ और सैनिकों की वापसी हुई। साढ़े चार साल पहले चीनी घुसपैठ के बाद पूर्वी लद्दाख में LAC पर दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध हुआ था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब हो गए थे।
वहीं, भारतीय सेना के सूत्रों ने पुष्टि की कि समझौते बाद देपसांग और डेमचोक इलाके में मंगलवार को सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसके 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है।