ताकतवर है भारत: चीन को हराने के लिए है सक्षम, ये है मुख्य वजह
दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा, जिसको देखकर यही लगता है कि अब दोनों देशों के बीच युद्ध होने की स्थिति बन रही है। सवाल उठता है कि अगर दोनों देशों के बीच जंग हुई तो किसका पलड़ा रहेगा भारी।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच दुश्मनी की दीवार और ऊंची होती दिखाई दे रही है। बीते 15 जून, सोमवार की रात को पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन (India-China) के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प हुई। इस घटना के बाद देश में आक्रोश फ़ैल गया है। इस हिंसक झड़प में हमारे एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए। भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए चीन के 45 सैनिकों को मार गिराया।
इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा, जिसको देखकर यही लगता है कि अब दोनों देशों के बीच युद्ध होने की स्थिति बन रही है। सवाल उठता है कि अगर दोनों देशों के बीच जंग हुई तो किसका पलड़ा रहेगा भारी। लेकिन दूसरी तरफ बातचीत से इस मामले को सुलझाने की कोशिश की जा रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सैनिकों की शहादत बेकार नहीं जाएगी।
क्या युद्ध में भारत का पलड़ा रहेगा भारी
इस बाबत अमेरिका की एक जानी-मानी वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर युद्ध हुआ तो भारत का पलड़ा भारी रह सकता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 1962 से लेकर अब के हालात बदल गए हैं। अब भारत की ताकत बेहद बढ़ गई है। आईए दोनों देशों की सैन्य ताकत को समझने की कोशिश करते हैं।
युद्ध के मैदान में दोनों देशों की परमाणु ताकत
कोई नहीं चाहता कि दोनों देशों के बीच परमाणु हथियार का इस्तेमाल हो। लेकिन बता दें कि दोनों देशों के पास न्यूक्लियर हथियार है। चीन 1964 में न्यूक्लियल पावर देश बना था। जबकि 10 साल बाद यानी 1974 में भारत भी परमाणु शक्ति संपन्न देश बन गया।
-इसी हफ्ते स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस (SIRPI) की रिपोर्ट आई जिसमें कहा गया है कि भारत ने पिछले साल 10 नए परमाणु हथियार जोड़े।
-चीन के पास जहां कुल 320 परमाणु हथियार हैं वहीं भारत के पास 150 हथियारों का जखीरा है।
युद्ध के मैदान में भारत की एयरफोर्स की ताकत
-भारत के पास हवा में मार करने वाले 270 फाइटर जेट हैं। जबकि भारत के जमीन पर मार करने वाले 68 एयरक्राफ्ट हैं।
-इस साल मार्च में बेलफर स्टडी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की सीमा पर भारत के कई एयरबेस हैं जहां से हमला किया जा सकता है।
-चीन के पास सिर्फ 157 फाइटर जेट हैं। जबकि उनके पास जमीन पर मार करने वाले एयरक्राफ्ट भी भारत के मुकाबले काफी कम है।
-पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स के पास सीमा पर 8 एयरबेस हैं। लेकिन ये ज्यादातर सिविलियन एयरफिल्ड हैं। कहा जाता है कि चीन को यहां हमला करने में दिक्कत हो सकती है।
-तिब्बत और जिंगयांग के एयबेस काफी उंचाई पर है। इसके अलावा खराब मौसम के चलते चीन के एयरक्राफ्ट ज्यादा गोलाबारुद और ईंधन के साथ उड़ान नहीं भर सकते।
-बेलफर स्टडी में ये भी कहा गया है कि भारत के मिराज 2000 और Su-30 जेट किसी भी मौसम में उड़ान भर सकते हैं। जबकि चीन के जेट J-10 में इतनी ताकत नहीं है।
युद्ध के मैदान में ग्रांउड फोर्स की ताकत
-भारत की ग्राउंड फोर्स भी बेहद मजबूत है। उन्हें कश्मीर जैसे खतरनाक और अशांत इलाके में काम करने का लंबा अनुभव है।
- चीन के पास असली लड़ाई का कोई अनुभव नहीं है। आखिरी लड़ाई चीनी सेना ने 1979 में वियतनाम खिलाफ लड़ी थी। कहा जाता है कि उस लड़ाई में चीन की हार हुई थी।
- तिब्बत और LAC इलाके में भारत के 225,000 फौज हैं। जबकि यहां चीन के 200,000 से 230,000 सैनिक हैं।
-भारत कभी भी यहां अपनी ताकत बढ़ा सकता है। जबकि चीन के लिए यहां इन खतरनाक इलाकों में पहुंचना आसान नहीं होगा। भारत तिब्बत से सटे इलाके में रेल लाइनों पर हमला कर सकता है।