देश की आबादी 1.36 अरब, चुन्नू, मुन्नू, पप्पू और पप्पी के पापा खुश तो होंगे!

देश की आबादी वर्ष 2010 से 2019 के बीच 1.2 की औसत वार्षिक दर से बढ़कर 1.36 अरब हो गई है। जो 1994 में 94.22 करोड़ और 1969 में 54.15 करोड़ थी। वहीं विश्व की आबादी 2019 में बढ़कर 771.5 करोड़ हो गई है, जो गत वर्ष 763.3 करोड़ थी।

Update: 2019-04-12 04:30 GMT

नई दिल्ली : देश की आबादी वर्ष 2010 से 2019 के बीच 1.2 की औसत वार्षिक दर से बढ़कर 1.36 अरब हो गई है। जो 1994 में 94.22 करोड़ और 1969 में 54.15 करोड़ थी। वहीं विश्व की आबादी 2019 में बढ़कर 771.5 करोड़ हो गई है, जो गत वर्ष 763.3 करोड़ थी।

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संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2010 और 2019 के बीच देश की आबादी औसतन 1.2 फीसदी बढ़ी है। इसकी तुलना में 2019 में चीन की आबादी 1.42 अरब पहुंच गई है, जो 1994 में 1.23 अरब और 1969 में 80.36 करोड़ थी।

1969 में जन्म के समय जीवन प्रत्याशा 47 वर्ष थी, जो 1994 में 60 वर्ष और 2019 में 69 वर्ष हो गई है। विश्व की औसत जीवन प्रत्याशा दर 72 साल है।

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रिपोर्ट में 2019 में भारत की आबादी के विवरण का एक ग्राफ दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि देश की 27-27 फीसदी आबादी 0-14 वर्ष और 10-24 वर्ष की आयु वर्ग में है, जबकि देश की 67 प्रतिशत जनसंख्या 15-64 आयु वर्ग की है।

इस रिपोर्ट में कहा गया कि देश में मातृ मृत्यु दर वर्ष 1994 में प्रति एक लाख जन्मों में 488 मौतों से घटकर 2015 में प्रति एक लाख जन्मों में 174 मृत्यु तक आ गई।

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