भारत ने इस खतरनाक मिसाइल का किया सफल परीक्षण, डर गये चीन-पाकिस्तान

भारत ने रविवार को आंध्र प्रदेश के तट पर 3,500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम पनडुब्बी से K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल...

Update: 2020-01-19 14:48 GMT

वि‍शाखापट्ननम। भारत ने रविवार को आंध्र प्रदेश के तट पर 3,500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम पनडुब्बी से K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई मिसाइल को नौसेना के स्वदेशी आईएनएस अरिहंत-श्रेणी के परमाणु-संचालित पनडुब्बियों से सुसज्जित किया जाएगा।

यह जानकारी सरकारी स्रोतों से मिली है। परमाणु हमला करने में सक्षम इस मिसाइल की जद में पाकिस्तान, चीन एवं दक्षिण एशिया के कई देश आ गए हैं।

पिनाका मिसाइल का सफल परीक्षण

पिछले 20 दिसंबर को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पिनाका मिसाइल का फिर से ओडिशा तट से सफल परीक्षण किया था। मिसाइल की मारक क्षमता अब 90 किलोमीटर तक हो गई है। डीआरडीओ द्वारा विकसित पिनाका मिसाइल 90 किमी की सीमा तक दुश्मन के इलाके में हमला करने में सक्षम है।

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नवंबर में अग्नि-2 का हुआ था परीक्षण

पिछले 17 नवंबर को 2000 कि‍मी की मारक क्षमता वाली बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-2 का रात्रिकालीन परीक्षण सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। देश में ही बनाई गई 21 मीटर लंबी, 1 मीटर चौड़ी, 17 टन वजन वाली यह मिसाइल 1000 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जाने की क्षमता रखती है।

क्या होती है बैलेस्टिक मिसाइल

तकनीकी दृष्टिकोण से बैलेस्टिक मिसाइल उस प्रक्षेपास्त्र को कहते हैं जिसका प्रक्षेपण पथ सब ऑर्बिटल बैलेस्टिक पथ होता है। इसका उपयोग किसी हथियार (नाभिकीय अस्त्र) को किसी पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर दागने के लिए किया जाता है।

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यह मिसाइल प्रक्षेपण के प्रारंभिक स्तर पर ही गाइड की जाती है। इसके बाद का पथ आर्बिटल मैकेनिक के सिद्धांतों पर एवं बैलेस्टिक सिद्धांतों से निर्धारित होता है। अभी तक इसे रासायनिक रॉकेट इंजन से छोड़ा जाता

डिफेंस मैन्‍युफैक्‍चरिंग में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में डीआरडीओ की महत्‍वपूर्ण भूमिका

 

पिछले दिनों बेंगलुरु में आयोजित डीआरडीओ के एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि डिफेंस मैन्‍युफैक्‍चरिंग के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए डीआरडीओ को नए इनोवेशनस के साथ सामने आना होगा। देश में एक वाइब्रेंट डिफेंस सेक्‍टर को बढ़ावा देने में मेक इन इंडिया को मजबूत करने में डीआरडीओ के इनोवेशंस की बहुत बड़ी भूमिका है।

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