सेना प्रमुख नरवणे ने किया लद्दाख का दौरा, वजह जान चौंक जाएंगे
भारत और चीन के रिश्तों में खटास कम होने का नाम नहीं ले रही है। दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव बना हुआ है। इस बीच खबर आ रही है कि भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने लद्दाख में 14 कोर के मुख्यालय लेह का दौरा किया।
नई दिल्ली: भारत और चीन के रिश्तों में खटास कम होने का नाम नहीं ले रही है। दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव बना हुआ है। इस बीच खबर आ रही है कि भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने लद्दाख में 14 कोर के मुख्यालय लेह का दौरा किया।
उन्होंने यहां सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा की समीक्षा भी की। इसके बाद वापस दिल्ली के लिए लौट गये।
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5-6 मई को पेंगोंग झील के पास हुई झड़पों के बाद से, चीन और भारत दोनों की तरफ से सीमा पर भारी फ़ोर्स खड़ी की गई है, विशेष तौर पर लद्दाख की गलवां घाटी में।
भारत ने चीनी सेना के सुदृढ़ीकरण में लाए जाने के बाद अपने सैन्य स्तरों को बढ़ाया और कथित तौर पर वहां मौजूदगी स्थापित करने के प्रयासों के तहत टेंट और गलवां घाटी में अस्थायी स्थान बनाए।
यहां बता दें कि यह दौरा भारत के चीन के उस आरोप को खारिज करने के बाद आया है, जिसमें बीजिंग ने आरोप लगाया था कि सीमा पर भारतीय सैनिकों ने तनाव की शुरुआत की और लद्दाख और सिक्किम सेक्टरों में एलएसी को पार किया।
साथ ही चीन ने आरोप लगाया था कि चीनी सेना को भारतीय सीमा पर गश्त लगाने में बाधा डाली गई। हालांकि, इस घटना के बाद दोनों पक्षों के सैनिकों ने संयम दिखाया और तनाव को कम करने का प्रयास किया गया।
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