भारत के खतरनाक हथियार: सेकेंडों में कर देगा खात्मा, दूर रहें चीन-पाकिस्तान
भारतीय सेना को दुनिया की श्रेष्ठतम सेनाओं की श्रेणी में गिना जाता है। भारतीय सेना के वीरता और शौर्य के चर्चे दुनियाभर में होते हैं। ऐसे में सेना अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए एक से बढ़कर एक खतरनाक राइफलों का उपयोग करती है।
नई दिल्ली : भारतीय सेना को दुनिया की श्रेष्ठतम सेनाओं की श्रेणी में गिना जाता है। भारतीय सेना के वीरता और शौर्य के चर्चे दुनियाभर में होते हैं। ऐसे में सेना अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए एक से बढ़कर एक खतरनाक राइफलों का उपयोग करती है। इस समय इंसास राइफल भारतीय सेना में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जा रही है। इंसास राइफल का पूरा नाम इंडियन न्यू स्मॉल आर्म्स सिस्टम है। सेना के लिए भारतीय राइफल को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री द्वारा बनाया गया है।
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एक मिनट में 600 राउंड फायरिंग
ऐसे में देश में एके सीरिज की विभिन्न राइफलों का प्रयोग विश्व के कई देशों की सेनाएं करती हैं। इसमें भारत भी सम्मिलित है। यह राइफल सेमी ऑटोमेटिक और फूली ऑटोमेटिक मोड में फायर करने की क्षमता रखती है। यह एक मिनट में 600 राउंड फायरिंग कर सकती है।
इस समय बड़े पैमाने पर भारतीय सेना एके 103 राइफल का प्रयोग करती है। एके सीरिज की 203 राइफल्स के उत्पादन के लिए अमेठी में कारखाना लगाया गया है। यह कारखाना रूस के सहयोग से लगाया गया है।
इस राइफल में नाइट विजन के साथ टेलिस्कोपिक लेंस भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा इसमें अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर का भी प्रयोग किया जा सकता है।
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राइफल का प्रयोग शीत युद्ध के लिए
सोवियत रूस में बनी इस स्नाइपर राइफल का प्रयोग शीत युद्ध के लिए किया जाता था। इस राइफल में 7.62×54 मिलीमीटर का कॉर्टरेज प्रयोग किया जाता है। इसमें 10 राउंड की मैगजीन बॉक्स का प्रयोग किया जाता है। इस राइफल का असर रेंज 800 से 900 मीटर तक मानी जाती है।
यह बंदूक सब मशीन गन 1ए1 का साइलेंस वर्जन है। जिसके बैरल में साइलेंसर फिट किया गया है। यह कानपुर में आयुध निर्माणी द्वारा बनाया गया है। यह एक हल्के वजन का हथियार है और स्वचालित फायरिंग में सक्षम है। यह 150 राउंड प्रति मिनट की दर से फायरिंग कर सकता है।
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