ISIS के चंगुल से छूटे डॉक्टर ने सुनाई आपबीती, बोले- इंडिया के बारे में हर बात जानते हैं आतंकी

राममूर्ति कोसानम का कहना है कि आतंकी जानते थे कि वह डॉक्टर हैं और वे किसी न किसी दिन काम भी आ सकते हैं। वह मुझे हर रोज ऑपरेशन थियेटर जाने को कहते और ऑपरेशन करने के लिए प्रेशर डालते।

Update:2017-02-26 11:45 IST

फोटो सौजन्य: एएनआई

नई दिल्ली: करीब 18 महीने से ज्यादा लीबिया में आईएसआईएस की गिरफ्त में फंसे 6 इंडियंस को हाल ही में इंडिया ने छुड़वा लिया है। जिनमें से एक डॉक्टर राममूर्ति कोसानम का नाम भी है। उन्होंने इंडिया पहुंचकर अपनी दर्दभरी दास्तां सुनाई। आतंकियों ने उन्हें तीन बार गोली मारी। काफी कुछ उल्टा-सीधा कहा। उन्होंने बताया कि जितने भी आतंकी हैं, वह पढ़े-लिखे युवा हैं और इंडिया के बारे में काफी जानकारी रखते हैं। डॉक्टर राममूर्ति कोसानम ने बताया कि आतंकियों ने उन्हें करीब 18 महीने कैद में रखा।

कुछ इस तरह किया डॉक्टर राममूर्ति कोसानम को प्रताड़ित

राममूर्ति कोसानम का कहना है कि आतंकी जानते थे कि वह डॉक्टर हैं और वे किसी न किसी दिन काम भी आ सकते हैं। वह मुझे हर रोज ऑपरेशन थियेटर जाने को कहते और ऑपरेशन करने के लिए प्रेशर डालते। पर मैंने कुछ भी नहीं किया। डॉक्टर होने के नाते मुझे उन आतंकियों ने अपने काम के लिए ज़िंदा रखा। यही वजह रही कि मैं आज ज़िंदा हूं। लास्ट इयर रमजान के टाइम मुझे आतंकियों ने कांटैक्ट किया क्योंकि उनके हॉस्पिटल में उन्हें एक डॉक्टर की जरूरत थी। मैंने मना करते हुए उनसे कहा कि मैं सर्जन नहीं हूं। मैं केवल दवाइयों से इलाज करना जानता हूं।

कैद में रखने के दौरान आतंकियों ने मुझे तीन बार गोली मारकर घायल किया। जिसकी वजह से मैं 3 सप्ताह आईसीयू में एडमिट भी रहा। किस्मत अच्छी होने के कारण तब तक इंडियन मिलिट्री एक्टिव हो चुकी थी। जैसे ही एक दिन मिलिट्री हमारी बिल्डिंग के पास से गुजरी, हमने 'आजादी-आजादी' चिल्लाना शुरू किया और मिलिट्री ने हमें आजाद करवाकर जीवनदान दिया।

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अपनी रिहाई से खुश डॉक्टर राममूर्ति ने पीएम मोदी, सुषमा स्वराज, एसएनए और इंडियन मिलिट्री को शुक्रिया अदा किया है। अगर यह लोग नहीं होते, तो मैं शायद घर वापस नहीं लौट पाता। बता दें कि राममूर्ति कोसानम को करीब 18 महीने पहले लीबिया में आईएसआईएस के आतंकियों ने अगवा कर लिया था। वे आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के रहने वाले हैं। वह लीबिया के सिर्ते के एक हॉस्पिटल में फिजिशियन थे और 1999 से लीबिया में ही रह रहे थे।

उनकी रिहाई के बारे में खुद सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया था कि 'लीबिया में आतंकियों के चंगुल में फंसे सभी इंडियंस को आजाद करवा लिया गया है। जल्द ही उन्हें इंडिया लाया जा रहा है। उन्होंने लीबिया मिशन की भी तारीफ की थी। जानकारी के अनुसार लीबिया में इंडियन मिशन के ऑफिसर इंडियन नागरिकों को एडवाइस देते रहे हैं कि वे यहां से चले जाएं।

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