Centre Banned Mobile Apps: भारत ने पाकिस्तान के 14 मैसेंजर ऐप को किया बैन, फैलाया जा रहा था आतंकवाद

Centre Banned Mobile Apps: आईबी ने संबंधित ऐप डेवलपर्स से संपर्क करने की कोशिश भी की। अधिकारी ने कहा कि बातचीत करते हुए पाया कि इसमें से कोई ऐप का भारत में प्रतिनिधिन नहीं है। इसलिए ट्रैक करना मुश्किल हो रहा था।

Update: 2023-05-01 13:14 GMT
Centre Banned Mobile Apps: (सोशल मीडिया)

Centre Banned Mobile Apps: भारत सरकार ने पाकिस्तान के कई बड़ी संख्या में मैसेंजर एप को बैन कर दिया है। आईबी को इनपुट मिली थी कि पाकिस्तान इन मैसेंजर एप के सहारे भारत के जम्मू कश्मीर क्षेत्र में आतंकवादी अपना संदेश फैला रहे थे। केंद्र सरकार ने आईबी के इनपुट के आधार पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत पाकिस्तन के 14 मैसेंजर मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक कर दिया है।

भारत में प्रतिनिधि नहीं होने से ट्रैक कर पाना था मुश्किल

आईबी के मुताबिक, इन ऐप का उपयोग पाकिस्तान के आतंकवादी अपने समर्थकों और ऑन-ग्राउंड वर्कर्स के साथ संवाद करने के लिए कर रहे थे। खुफिया एजेंसियां इन चैनलों पर नज़र रख रही थी। इतना ही नहीं, आईबी ने संबंधित ऐप डेवलपर्स से संपर्क करने की कोशिश भी की। हालांकि भारतीय प्रतिनिधियों और कार्यालयों की कमी के कारण सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया। आईबी अधिकारी ने कहा कि बातचीत करते हुए पाया कि इसमें से कोई ऐप का भारत में प्रतिनिधिन नहीं है। इसलिए ट्रैक करना मुश्किल हो रहा था। बाद में घाटी में सक्रिय अन्य खुफिया एजेंसियों की मदद से ऐसे ऐप्स की सूची तैयार की गई।

ऐप से घाटी में हो रहा आतंक प्रचार

आईबी अधिकारी ने कहा कि आईटी मंत्रालय को ऐप्स को हटाने के बाद इन मोबाइल एप्लिकेशनों पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध के बारे में सूचित किया था। खुफिया एजेंसियों ने उच्चाधिकारियों को सूचित किया कि ये ऐप घाटी में आतंक का प्रचार कर रहे हैं।

इन ऐप्स के सहारे आंतकवादी फैला रहे थे संदेश

मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के जिन मोबाइल मैसेंजर एप को बंद किया है। उसमें क्रायपवाइजर, एनिग्मा, सेफस्विस, विकरमे, मीडियाफायर, ब्रायर, बीचैट, नंदबॉक्स, कॉनियन, आईएमओ, एलिमेंट, सेकेंड लाइन, जांगी, थ्रेमा आदि शामिल हैं।

यूजर्स को संदेश जारी

हालांकि अधिकांश एप्लिकेशन अभी Google Play Store पर उपलब्ध हैं। Android और iOS यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे इन ऐप्स को डाउनलोड न करें। अगर यूजर्स के फोन में ये ऐप्स पहले से इंस्टॉल हैं तो वे इन्हें अनइंस्टॉल कर दें।

Tags:    

Similar News