लॉकडाउन के बीच आई ऐसी खबर, गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं के खड़े हो जाएंगे कान
पूरा देश इस समय कोरोना वायरस की चपेट में है। खतरे को भांपते हुए पीएम मोदी ने देश भर में लॉक डाउन घोषित कर रखा है। इस बीच खबर आ रही है कि लॉक डाउन के बाद से रसोई गैस की मांग 200 फीसदी तक बढ़ गई है।
नई दिल्ली: पूरा देश इस समय कोरोना वायरस की चपेट में है। खतरे को भांपते हुए पीएम मोदी ने देश भर में लॉक डाउन घोषित कर रखा है। इस बीच खबर आ रही है कि लॉक डाउन के बाद से रसोई गैस की मांग 200 फीसदी तक बढ़ गई है।
रसोई गैस सिलेंडरों की मांग में भारी उछाल आया है। लोग घबराहट में सिलेडरों की बुकिंग कर रहे हैं। जिसके बाद से सरकारी क्षेत्र की तेल कंपनी इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन संजीव सिंह ने आगे आकर लोगों से कहा है कि देश में रसोई गैस की कोई कमी नहीं है। इसलिए अनावश्यक तौर पर बुकिंग कर आपूर्ति प्रणाली पर दवाब ना बढाए।
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घबराहट में एलपीजी की बुकिंग ना करें: इन्डियन ऑयल
सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण आवागमन पर तीन सप्ताह की देश्व्यापी ‘लॉकडाउन’ में लोगों की जरूरत की पूर्ति के लिए ईंधन का पर्याप्त भंडार है। इंडियन ऑयल इस समय अन्य कंपनियों के साथ मिल कर देश में ईंधन की जरूरतों के प्रबंध के व्यापक अभियान में लगी है। सिंह ने कहा , देश में ईंधन की कोई कमी नहीं है। उन्हें घबराहट में एलपीजी की बुकिंग नहीं करनी चाहिए।
हमने पूरे अप्रैल महीने और उसके बाद की अवधि के लिए भी ईंधन की मांग का पूरा अंदाजा लगा लिया है। तेल शोधक इकाइयां जरूरत के हिसाब से काम कर रही हैं ताकि देश का ईंधन की पूरी मांग का इंतजाम किया जा सके। सभी थोक भंडारण केंद्रों , एलपीजी वितरण केंद्रों और पेट्रोल पंप पर काम सामान्य ढंग से कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ग्राहक घबराहट में अनावश्यक रूप से गैस सिलेंडर की बुकिंग शुरू कर देते हैं तो व्यवस्था पर दबाव पड़ता है। बुकिंग बढ़ने पर गैस सिलेंडर भरने के कारखानों को सूचना तत्काल दे दी जाती है और वे सिलेंडर भरने का काम तेज कर देते हैं।
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डिलिवरी कर्मियों पर भी बढ़ता है बोझ
वहां से सिलेंडर वितरकों को जाता है और वितरक अपने डिलिवरी कर्मचारियों के जरिए घर-घर सिलेंडर पहुंचाते हैं। अगर मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो पहले से दबाव में काम करने वाले वितरकों ओर डिलिवरी कर्मियों पर भी बोझ बढ जाता है।
सिंह ने कहा कि हल्की मांग कम होने से तेल शोधन संयंत्रों ने डीजल और पेट्रोल का उत्पादन 25 से 30% घटा दिया है। तेलशोधक कारखानों में कच्चे तेल के प्रसंस्करण से एक अनुपात में पेट्रोल, डीजल, मिट्टी तेल और विमान ईंधन और एलपीजी का उत्पादन होता है। अगर कच्चे तेल की प्रोसेसिंग कम होती है तो इन सभी सभी ईंधनों के उत्पादन में उसी अनुपात में कमी आती है।
मार्च में पेट्रोल-डीजल की मांग घटी
बता दें कि कोरोना वायरस के कारण आवाजाही पर देशव्यापी पाबंदी के चलते वहनों और विमानों आदि का परिचालन प्रभावित होने से डीजल पेट्रोल और विमान ईंधन की मांग घट गई है। मार्च में पेट्रोल की मांग 8% और डीजल की मांग 16% घट गई है। इसी तरह विमान ईंधन की मांग में भी 20% की गिरावट दर्ज की गई है।