SC की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर, इंदिरा ने दायर की याचिका
सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह अक्सर मानवाधिकारों से जुड़े मामलों की वजह से सुर्खियों में रहती हैं। एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्र्रीमिंग को लेकर वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंग ने याचिका दायर की है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह अक्सर मानवाधिकारों से जुड़े मामलों की वजह से सुर्खियों में रहती हैं। एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्र्रीमिंग को लेकर वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंग ने याचिका दायर की है। इस मामले में इंदिरा जयसिंग से सर्वोच्च न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल को याचिका की एक कॉपी देने को कहा है।
आपको बता दें कि जयसिंग ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग को लागू करने को लेकर नियमों के निर्धारण के लिए उचित दिशा की मांग की है। जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट की प्रोसिडिंग की 'लाइव स्ट्रीमिंग' की मांग वाली अर्जी पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।
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जयसिंह ने अपनी अर्जी में यह भी कहा है कि 26 सितंबर, 2018 के आदेश के अनुसार महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग की है। गौरतलब है कि साल 2018 में याचिकाकर्ता इंदिरा जयसिंग और स्वप्निल त्रिपाठी ने कहा था कि मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग लोगों की कोर्ट में पहुंच को बढ़ाएगा। इसके साथ ही केसों की गलत रिपोर्टिंग, गलतियां और बासी सूचनाओं के प्रसारण पर भी रोक लगेगी। उन्होंने यह भी कहा था दुष्कर्म, इन-कैमरा सुनवाई और वैवाहिक विवादों की लाइव रिपोर्टिंग करने के बारे में कोर्ट को देखना पड़ेगा।
याचिकाकर्ताओं ने दलील देते हुए कहा कि सूचनाएं लेना संविधान के आर्टिकल 19 (1) (ए) के अंदर नागरिकों का मौलिक अधिकार है। उन्होंने ये भी कहा कि संविधान का मुख्य सिद्धांत है कि न्याय होना ही नहीं चाहिए बल्कि न्याय होते हुए दिखना भी चाहिए।
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निर्भया मामलें में कहा था ये
वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह द्वारा दिए गए एक बयान ने देश को चौंका दिया। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने अपने बयान में कहा कि निर्भया की मां को दोषियों को माफ कर देना चाहिए।
निर्भया मामलें में मां आशा देवी ने कहा- इंदिरा जयसिंह कौन होती हैं
निर्भया के इंसाफ के लिए कानून जंग लड़ने वाली उसकी मां आशा देवी ने भड़कते हुए कहा कि इंदिरा जयसिंह को इस तरह का सुझाव देने की हिम्मत कैसे हुई। उन्होंने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट में उनसे कई बार मिलीं, लेकिन उन्होंने एक बार भी उनका हाल-चाल नहीं पूछा। आज वो दोषियों के हक में बोल रही हैं। आशा देवी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे लोग बलात्कारियों को सपोर्ट कर अपनी रोजी रोटी चलाते हैं, इसलिए पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिलता है।