चीन की हालत खराब: भारत-अमेरिका देंगे झटका, अहम बैठक पर टिकी निगाहें

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के दौरान अमेरिका के साथ देश की 2 + 2 मंत्री स्तरीय वार्ता होने वाली है। इसके लिए यूएस के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर आज दिल्ली आएंगे।

Update: 2020-10-26 05:39 GMT

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों को मजबूत करने और चीन-पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए आगामी दो दिन बेहद खास हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर दो दिवसीय दौरे पर आज भारत पहुंचेंगे। भारत और अमेरिका के बीच 'टू प्लस टू' मंत्री स्तरीय वार्ता होनी है। इस मुलाक़ात पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुईं है।

भारत में 2 + 2 मंत्री स्तरीय वार्ता

दरअसल, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के दौरान अमेरिका के साथ देश की 2 + 2 मंत्री स्तरीय वार्ता होने वाली है। इसके लिए यूएस के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर आज दिल्ली आएंगे। भारत चीन सीमा विवाद के बीच ये बैठक इस लिए ही खास है, क्योंकि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का एक हफ्ता ही बचा है। इसके पहले वार्ता के तीसरे संस्करण में हिस्सा लेने दोनों नेता भारत आ रहे हैं।

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अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो- रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर का भारत दौरा

भारत -यूएस के मंत्रियों के बीच कल यानी मंगलवार को वार्ता होगी। वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।

अमेरिकी मंत्री आज पहुंचेंगे भारत

इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई अहम सैन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किया जा सकते हैं। दोनों देश संस्थागत इटेंलिजेंस-शेयरिंग एग्रीमेंट पर समझौता कर सकते हैं और तीनों सेनाओं के अभ्यास को मानव रहित, अंतरिक्ष और पानी के भीतर जैसे विभिन्न आयामों तक पहुंचा सकते हैं।

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव- भारत चीन तनाव के बीच बैठक अहम

26-27 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी गृह सचिव माइक पॉम्पिओ और रक्षा सचिव मार्क एस्पर से दिल्ली में मुलाकात करेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में दोनों देशों के बीच बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) नामक एक जियोस्पेटल सैन्य नींव समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इस बैठक में दोनों देशों के पिछले लाभ को आगे बढ़ाने की संभावना है। भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए द्वि-पक्षीय सहमति है।

भारत और अमेरिका के बीच हो सकते हैं अहम समझौते

इस बात की उम्मीद है कि दोनों देश एक समझौते पर आगे बढ़ सकते हैं। यह समझौता दोनों देशों की रक्षा खुफिया एजेंसियों के बीच संस्थागत संबंधों की इजाजत देगा। भारत और अमेरिका पहले से ही संचार समझौते के माध्यम से वास्तविक समय की खुफिया जानकारी शेयर करते हैं। इसको COMCASA के नाम से जाना जाता है।

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यह नया समझौता दोनों सहयोगियों को दक्षिण चीन सागर से लेकर लद्दाख तक के सभी रक्षा मामलों में विकास पर महत्वपूर्ण त्रि-सेवाओं की खुफिया जानकारी एक दूसरे को देने की अनुमति प्रदान करेगा। यह प्रस्ताव पिछले कई वर्षों से बिना किसी नतीजे के रूका हुआ है। लेकिन अभी मोदी कैबिनेट को BECA को औपचारिक रूप से मंजूरी देना बाकी है।

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भारत और अमेरिका के बीच इस डील पर ऐसे वक्त में हस्ताक्षर होने जा रहा है जब चीन और भारत के बीच तनाव चरम पर है। इस डील पर हस्ताक्षर होने के बाद भारत को सीमा पर चीन की सारी सैन्य गतिविधियों की जानकारी मिल पाएगी। इससे जुड़े आंकड़े और तस्वीरें भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों की जद में रहेंगे। चीन डोकलाम हो या लद्दाख के पार अपनी सीमा में किसी भी प्रकार का बड़ा गतिविधि करता है, तो भारत इससे अपडेट हो पाएगा।

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