अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस 2020ः सबसे ऊंची चोटियां, खूबसूरती के साथ देती है चुनौतियां
दुनिया मे सबसे ऊंचा पर्वत कौन सा है? इस सवाल का जवाब तो पता होगा, लेकिन दूसरा- तीसरा और ऐसे ही अन्य पर्वत हैं जो दुनिया को अपनी ऊंचाई से चुनौती देते हैं।
लखनऊः दुनिया की खूबसूरती देखनी हो तो किसी ऊंची जगह पर खड़े हो जाइए। वो जगह जितनी ऊंची होगी, यकीन मानिए खूबसूरती भी उतनी ज्यादा दिखेंगी। खूबसूरती हरियाली की, खूबसूरती वादियों की, खूबसूरती बर्फ की चादरों की। हम जिस उँगहि जगह की बात कर रहे हैं वो हैं पर्वत। विश्व के सबसे ऊंचे और खबसूरत पहाड़।
अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस आज
दरअसल, आज अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस है। पहाड़ो से किसे प्यार नहीं होगा? यकीन मानिए अगर नहीं भी होगा, तो वहां एक बार पहुंच कर पर्वतों, वादियों और वहां से नजर आने वाली प्रकृति को देख प्यार हो ही जायेगा।
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दुनिया मे सबसे ऊंचा पर्वत कौन सा है? माउंट एवरेस्ट... इस सवाल का जवाब तो कई लोगों को पता होगा, लेकिन दूसरा, तीसरा, चौथा और ऐसे ही कई और पर्वत हैं जो माउंट एवरेस्ट से कम ऊंचे हैं लेकिन पूरी दुनिया को अपनी ऊंचाई से ये चुनौती देते हैं। जानिए विश्व के सबसे ऊंचे इन दस पर्वतों के बारे में...
माउंट एवरेस्ट –
हाल ही में नेपाल और चीन में संयुक्त तौर पर दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई का एलान किया। दोनों देशों के मुताबिक, एवरेस्ट की नई ऊंचाई अब 8848.86 मीटर है। सबसे पहले माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को ब्रिटिशों ने साल 1849 में मापा था। तब इसकी ऊंचाई 29002 फुट (8840 मीटर) बताई गई थी और इसे पीक-15 नाम भी दिया गया था। हालंकि तब से इसकी ऊंचाई पर विवाद चल रहा है।
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के2 –
K2 ( गॉडविन ऑस्टिन ) विश्व का दूसरी सर्वोच्च पर्वत शिखर है। इसकी ऊँचाई 8611 मीटर है। यह कश्मीर के काराकोरम पर्वतमाला में स्थित होने के कारण K2 के नाम से जाना जाता है। इसे के-2 का नाम 1852 ईo में टीजी मोंटगोमेर्य ने दिया गया।
कंचनजंघा
कंचनजंघा पर्वत का दूसरा नाम कोंगलोचु है, जिसका शाब्दिक अर्थ बर्फ़ का सर्वोच्च पर्दा है। इसके उत्तर में टेंट चोटी, पूर्व में माउंट लामो एंगडेन का रिज, दक्षिण में माउंट नर्सिंग एवं माउंट पंडिम और पश्चिम में कंचनजंगा पर्वत है। यह पर्वत दार्जिलिंग से 74 किलोमीटर उत्तर-पश्चिमोत्तर में स्थित है।
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ल्होत्से –
8516 मीटर (27940 फीट) एवरेस्ट के2 और कंचनजंघा के बाद विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी है जो एवरेस्ट से दक्षिण घाटी से जुडी हुई है। इस शिखर के अगल-बगल दो और शिखर हैं।
मकालू –
8481 मीटर, (27,825 फुट) मकालू एवरेस्ट विश्व की पांचवीं सबसे ऊंची शिखर है। यह एवरेस्ट से 19 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित है। यह अलग-अलग चोटियां हैं जो चार मुखी पिरामिड के समान दिखती हैं।
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चो ओयू (चोयू) –
चो ओयू समुद्र तल से 8,188 मीटर की ऊंचाई पर दुनिया का छठा सबसे ऊंचा पर्वत है। चो ओयू का मतलब तिब्बती में “फ़िरोज़ा देवी” है। पर्वत माउंट एवरेस्ट से 20 किमी पश्चिम में महालंगुर हिमालय के खुम्ब उप-खंड की सबसे पश्चिमी प्रमुख चोटी है। पर्वत चीन-नेपाल सीमा पर स्थित है।
धौलागिरी –
धौलगिरि पर्वत उत्तर-मध्य नेपाल में हिमालय की पर्वत शृंखला का भाग है। इसका नाम दो संस्कृत शब्दों से लिया गया है, जिनका अर्थ है 'श्वेत पर्वत'। गहरी काली गंडक नदी घाटी के पश्चिम की ओर स्थित है। बर्फ़ से ढकी इसकी कई चोटियां 7,620 मीटर से अधिक ऊंची हैं, जिनमें धौलगिरी प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ शामिल हैं। 8,167 मीटर ऊंचा 'धौलगिरि प्रथम' विश्व के सबसे ऊंचे पर्वतों में से एक है।
मनास्लु –
मनास्लु को पृथ्वी का आठवाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। कुतंग (Kutang) भी कहते हैं। यह 8,163 मीटर (26,781 फ़ुट) ऊँचा पर्वत मध्योत्तर नेपाल के गोरखा ज़िले में स्थित है और हिमालय के मनसिरी हिमाल नामक भाग का सदस्य है। यह नेपाल के पश्चिम मध्य भाग में नेपाली हिमालय में स्थित है। मनास्लु संस्कृत शब्द मनासा से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘बुद्धि या आत्मा’ मनास्लु का अर्थ है ‘पर्वत की आत्मा’।
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नंगा पर्वत
नंगा पर्वत दुनिया की नौवी ऊंची चोटी है। इस की 8, 125 मीटर या 26, 658 फ़ुट है। इसे दुनिया का "क़ातिल पहाड़" भी कहा जाते है क्योंकि इसपर चढ़ने वाले बहुत से लोगों की जाने जा चुकी हैं। नंगा पर्वत पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित गिलगित-बल्तिस्तान के क्षेत्र में आता है, जिसे भारत अपना हिस्सा भी मानता है। इस एक पहाड़ पर सब से ज्यादा मौतें हुई हैं। नंगा पर्वत हिमालय पर्वत श्रंखला के सुदूर पश्चिमी भाग में स्थित है।
अन्नपूर्णा –
अन्नपूर्णा पर्वतसमूह उत्तर-मध्य नेपाल के हिमालय में स्थित है, जिसमें 8,000 मीटर (26,000 फीट) से अधिक की एक चोटी शामिल है तथा 7,000 मीटर से अधिक तेरह चोटियाँ, और 6,000 मीटर से अधिक सोलह चोटियाँ शामिल है। यह पूरी पर्वतमाला 55 किलोमीटर लम्बी है, इसके पश्चिम में काली गंडकी घाटी, उत्तर और पूर्व में मार्शयांगडी नदी और दक्षिण में पोखरा घाटी से घिरा है।
इसके पश्चिमी छोर पर अन्नपूर्णा पर्वतमाला ने एक उच्च घाटी को घेरा है जिसे अन्नपूर्णा अभयारण्य के नाम से जाना जाता है। अन्नपूर्णा-१ समुद्र तल से 8,091 मीटर की ऊँचाई पर स्थित दुनिया का दसवाँ सबसे ऊँचा पर्वत है। आठ-हजार मीटर की ऊंचाई वाले पर्वतों में सबसे पहले सफल अभियान इसी पर्वत पर हुआ था।
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