भारत को तगड़ा झटका: ईरान ने इस बड़े प्रोजेक्ट से किया बाहर, चीन के साथ डील

ईरान ने भारत की तरफ से परियोजना की फंडिंग और इसे शुरू करने में हो रही देरी का हवाला देते हुए इस प्रोजेक्ट से भारत को अलग कर दिया है।

Update:2020-07-14 11:55 IST

नई दिल्ली: ईरान ने चाबहार बंदरगाह के रेल प्रोजेक्ट से भारत को अलग कर दिया है, जो की भारत के लिए एक बड़ा झटका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने भारत की तरफ से परियोजना की फंडिंग और इसे शुरू करने में हो रही देरी का हवाला देते हुए इस प्रोजेक्ट से भारत को अलग कर दिया है। अब ईरान रेलवे भारत की मदद के बिना ही खुद इस परियोजना का काम शुरू करेगा। ईरान रेलवे अब ईरानी राष्ट्रीय विकास फंड के 40 करोड़ डॉलर के फंड का इस्तेमाल करके इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेगा और इसे मार्च 2022 तक पूरा करेगा।

यह भी पढ़ें: कानपुर कांड: इतनी बरेहमी से की पुलिसवालों की हत्या, पोस्टमार्टम में हुए ये खुलासे

चार साल पहले हुआ था ये समझौता

बता दें कि भारत ने चार साल पहले मई 2016 में इस समझौते पर दस्तख़त किए थे। जब मई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेहरान का दौरा किया था तो उस दौरान उन्होंने ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ चाबहार बंदरगाह के रेल प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत रेलवे लाइन बनना भी प्रस्तावित था। इस परियोजना में भारत भी शामिल था।

यह भी पढ़ें: भगवान राम पर नेपाली PM के बयान से भड़के अयोध्या के संत, जारी किया ये आदेश

समझौते के तहत बनाया जाना था व्यापारिक मार्ग

भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के तहत अफगानिस्तान और पश्चिम एशिया के बीच व्यापारिक मार्ग तैयार किया जाना था। यह भारत के लिए रणनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके जरिए भारत के लिए पाकिस्तान के दखल के बगैर पश्चिमी एशिया से जुड़ने का रास्ता बनता है। ये रेल लाइन चाबहार बंदरगाह से ईरान की सीमा पार करते हुए अफगानिस्तान के जारांज तक जाएगी।

यह भी पढ़ें: बिंदी टिप्स: इससे बढ़ती है चेहरे की खूबसूरती, लगाने से पहले जानें ये बात

इंडियन रेलवे ने किया था ये वादा

इस प्रोजेक्ट के लिए इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (IRCON) ने 1.6 अरब डॉलर के करीब फंडिंग और सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का वादा किया था। हालांकि जब अमेरिका की तरफ से ईरान पर प्रतिबंध लगा दिए गए तो भारत ने रेलवे लाइन पर काम ही नहीं शुरू किया। जबकि IRCON के इंजीनियरों की तरफ से कई बार साइट विजिट की जा चुकी थी। अमेरिका द्वारा भारत को चाबहार बंदरगाह और रेलवे लाइन को लेकर प्रतिबंधों से छूट दे दी गई थी, लेकिन अमेरिका के प्रतिबंधों के चलते भारत के लिए एक्विपमेंट सप्लायर ढूंढना मुश्किल हो गया था।

यह भी पढ़ें: कानपुर कांड में नया खुलासा, विकास ने घर पर ही छिपाये थे सबूत, मिला ये सामान

चीन के साथ बड़े समझौते पर आगे बढ़ने का फैसला

वहीं ईरान का ये फैसला भारत और चीन के बीच जारी सीमा तनाव के बीच आया है। ईरान ने जहां एक ओर भारत को इस रेल प्रोजेक्ट से अलग करने का फैसला किया है, तो वहीं दूसरी ओर चीन के साथ 25 सालों के लिए आर्थिक और सुरक्षा साझेदारी के बड़े समझौते पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया है।

इस समझौते के तहत चीन अगले 25 सालों में ईरान में 400 अरब डॉलर का निवेश करेगा, साथ ही ईरान चीन को अपना तेल भारी छूट के साथ बेचेगा। इस समझौते में सैन्य सहयोग बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। साथ ही ये साझेदारी रेलवे, बैंकिंग, बंदरगाहों, टेलिकम्युनिकेशन औप अन्य परियोजनाओं को लेकर भी आगे बढ़ेगी। ईरान के इस समझौते से इलाके में भारत के हितों को नुकसान पहुंच सकता है।

यह भी पढ़ें: बाॅलीवुड में नेपोटिज्म पर बहस तेज, स्टारकिड्स के डेब्यू पर हैं सबकी निगाहे

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News