सरकार को वापस लेना पड़ा फैसला: हो रहा था जबरदस्त विरोध
दरअसल, जगन सरकार ने सोमवार को एक आदेश जारी कर इस अवार्ड से पूर्व राष्ट्रपति का नाम हटाकर अपने पिता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री का नाम शामिल कर दिया था। इसके बाद अवार्ड का नाम वाईएसआर विद्या पुरस्कारलु कर दिया गया था।
नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश की सरकार जगनमोहन रेड्डी के चौतरफा विरोध के बाद शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य की ओर से दिए जाने वाले प्रतिभा अवार्ड में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम फिर शामिल करने का फैसला लेना पड़ा।
दरअसल, जगन सरकार ने सोमवार को एक आदेश जारी कर इस अवार्ड से पूर्व राष्ट्रपति का नाम हटाकर अपने पिता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री का नाम शामिल कर दिया था। इसके बाद अवार्ड का नाम वाईएसआर विद्या पुरस्कारलु कर दिया गया था।
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बीजेपी ने भी सरकार के फैसले की निंदा की
बीजेपी प्रवक्ता लंका दिनकर ने जगन सरकार के इस फैसले पर सख्त एतराज जताया। उन्होंने कहा, 'दुख की बात है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर दिए जाने वाले अवार्ड का नाम बदल दिया है। राज्य सरकार ने ऐसा कर उनका अपमान किया है। ये गैर-कानूनी है। कलाम के साथ तेलुगु लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। हम असली हीरोज का अपमान करने वाले इस फैसले की निंदा करते हैं।
सभी दलों और मुस्लिम संगठनों ने जताया था एतराज
जगनमोहन रेड्डी ने राज्य की बागडोर संभालने के बाद एनटी रामा राव (पूर्व मुख्यमंत्री और चंद्रबाबू नायडू के ससुर) के नाम पर चलने वाली कई जनकल्याण योजनाओं के नाम बदलकर उनमें अपने पिता का नाम शामिल कर दिया, लेकिन किसी ने इसका विरोध नहीं किया। हालांकि, जैसे ही उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम एक अवार्ड से हटाकर अपने पिता का नाम शामिल किया तो उनकी चौतरफा विरोध होने लगा। फिर बाद में सरकार को इस फैसले को वापस लेना पड़ा।
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बदलना पड़ा फैसला
जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से अवार्ड बदलने पर खड़े हुए विवाद को लेकर बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि नाम बदलने का फैसला सीएम जगनमोहन रेड्डी की जानकारी के बिना लिया गया था।