जगजीत पवाड़िया: संयुक्त राष्ट्र में चीन के खिलाफ भारत की बेटी ने लिया ‘जग जीत’

संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के सभी देशों का प्रतिनिधित्व है और एक महत्वपूर्ण बोर्ड में भारत के प्रतिनिधि का दूसरी बार सदस्य चुना जाना एक खास अहमियत रखता है क्योंकि इस विशाल मंच पर किसी भी अहम मुद्दे पर विवाद की स्थिति में जब अपने देश के लिए समर्थन जुटाने का मौका आता है तो बेहतर प्रतिनिधित्व वाला देश हमेशा एक बेहतर स्थिति में होता है।

Update:2019-05-12 11:26 IST

नयी दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में अजहर मसूद के मामले पर भारत की जीत का जश्न अभी थमा भी नहीं था कि जगजीत पवाड़िया ने देश को एक बार फिर गर्व करने की वजह दे दी।

भारतीय राजस्व सेवा के विभिन्न वरिष्ठ पदों पर 35 बरस तक अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने वाली जगजीत को एक बार फिर इंटरनेशनल नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड में चुना जाना इस वैश्विक संगठन में भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है।

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संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के सभी देशों का प्रतिनिधित्व है और एक महत्वपूर्ण बोर्ड में भारत के प्रतिनिधि का दूसरी बार सदस्य चुना जाना एक खास अहमियत रखता है क्योंकि इस विशाल मंच पर किसी भी अहम मुद्दे पर विवाद की स्थिति में जब अपने देश के लिए समर्थन जुटाने का मौका आता है तो बेहतर प्रतिनिधित्व वाला देश हमेशा एक बेहतर स्थिति में होता है।

जगजीत की यह जीत इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि उनके मुकाबले उनके चीनी प्रतिद्वंद्वी को आधे वोट मिले। संयुक्त राष्ट्र की 55 सदस्यीय आर्थिक और सामाजिक परिषद के 44 सदस्य देशों ने जगजीत के हक में वोट किया और उन्हें पांच वर्ष के लिए आईएनसीबी का सदस्य फिर एक बार चुन लिया।

चीन के उम्मीदवार को पहले दौर में मात्र 22 वोट ही मिल पाए। जगजीत 2014 से इस बोर्ड की सदस्य हैं और मार्च 2020 से उनका पांच वर्ष का अगला कार्यकाल शुरू होगा।

भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी जगजीत पवाड़िया भारत की पूर्व नारकोटिक्स आयुक्त हैं। 2014 में पहली बार आईएनसीबी में चुने जाने के बाद 2016 में वह बोर्ड की पहली उपाध्यक्ष बनीं और 2015 तथा 2017 में प्राक्कलन पर स्थायी समिति की अध्यक्ष बनीं।

1954 में जन्मीं जगजीत ने 1974 में ढाका विश्वविद्यालय से अंग्रेजी ऑनर्स में स्नातक तक पढ़ाई की। 1988 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया। 1996 में उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स डिप्लोमा लिया।

उन्होंने भारत सरकार की राजस्व सेवा में विभिन्न वरिष्ठ पदों पर अपनी सेवाएं दीं। इनमें नारकोटिक्स कमिश्नर ऑफ इंडिया, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स, आयुक्त विधि मामले, मुख्य सतर्कता अधिकारी, ऊर्जा वित्त निगम, कस्टम्स ट्रेनिंग एडवाइजर, मालदीव और अन्य महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। वह 2014 में कस्ट्म्स, सेंट्रल एक्साइज और सर्विस टैक्स, नागपुर में मुख्य आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुईं।

उन्हें उनके विशिष्ट क्षेत्र में योगदान के लिए वर्ष 2005 में गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘विशेष रूप से उल्लिखित सेवा के लिए राष्ट्रपति का प्रशंसा प्रमाणपत्र’ प्रदान किया गया।

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आईएनसीबी का मुख्यालय वियना में है और इसका कार्य अन्तरराष्ट्रीय मादक पदार्थ के संबंध में संयुक्त राष्ट्र द्वारा पारित किए गए विभिन्न प्रस्तावों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।

इसके साथ ही बोर्ड यह भी व्यवस्था करता है कि सदस्य देशों को चिकित्सा और विज्ञान के उद्देश्यों के लिए मादक पदार्थों की पर्याप्त आपूर्ति होती रहे। बोर्ड मादक पदार्थों के अवैध कारोबार और इनकी तस्करी पर नियंत्रण की दिशा में भी काम करता है।

हर पद का अपना महत्व और गरिमा होती है। देश में अपने दायित्वों को पूरी निष्ठा से निभाने के बाद जगजीत ने सात समंदर पार अपने अनुभव से एक प्रतिष्ठित पद को सुशोभित करके अपने नाम के अनुरूप जग जीत लिया है।

(भाषा)

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