कश्मीर से बड़ी खबर: छिनेगा अब महबूबा और उमर का सब कुछ

उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती सहित सभी पूर्व सीएम, श्रीनगर के गुप्कर रोड पर बने उन सरकारी बंगलों में रहते हैं, जिसका किराया भी नहीं लिया जाता है । सूत्रों के मुताबिक कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने सरकारी बंगले को आधुनिक बनाने में करोड़ों रुपये तक खर्च किए हैं ।

Update: 2019-08-07 11:29 GMT

जम्मू-कश्मीर: कश्मीर की इस खूबसूरत वादियों के बीच बने सरकारी बंगलों में रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्रियों को आने वाले दिनों में कुछ और दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है । अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम को अपने आवास तक खाली करने पड़ सकते हैं । भारतीय संविधान के अनुसार किसी भी पूर्व सीएम को सत्ता से बाहर जाने के बाद सरकारी आवास खाली करना होता है ।

एक रिपोर्ट के मुताबिक उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती सहित सभी पूर्व सीएम, श्रीनगर के गुप्कर रोड पर बने उन सरकारी बंगलों में रहते हैं, जिसका किराया भी नहीं लिया जाता है । सूत्रों के मुताबिक कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने सरकारी बंगले को आधुनिक बनाने में करोड़ों रुपये तक खर्च किए हैं ।

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मुख्यमंत्रियों ने इन सरकारी बंगलों पर करोड़ों खर्च किये हैं

बताया जाता है कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जब मुख्यमंत्री थे उस वक्त इन्होंने अपने-अपने बंगले पर करीब 50 करोड़ रुपये खर्च किए थे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने भी अपने निजी आवास के नवीनीकरण में बड़ी राशि खर्च की थी ।

बताया जाता है कि उमर और महबूबा मुफ्ती के सरकारी बंगले में जो लोग काम करते हैं उनका वेतन भी सरकार की ओर से आता है अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से सामने आ रही आशंकाओं को देखते हुए अब उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने चिंता जाहिर की है।

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा है कि जिस तरह का माहौल बन गया है उसमें हमारी सुरक्षा खतरे में दिखाई दे रही है। मुफ्ती ने तो इसके लिए अब गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दे दी है।

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गुलाम नबी आजाद नहीं रहते सरकारी बंगले में

जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद एकमात्र ऐसे पूर्व सीएम हैं, जिन्होंने किसी भी सरकारी बंगले पर कब्जा नहीं किया है।

उनके पास गुप्कर रोड पर जैतहरी में जम्मू और कश्मीर बैंक के गेस्टहाउस में अस्थायी मकान है।

उधर, एक अधिकारी ने बताया कि फारूक अब्दुल्ला अपने घर में रहते हैं लेकिन बंगले के खिलाफ किराए का दावा करते हैं जो कि पूर्व सीएम होने के नाते उन्हें दिया जाता है।

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सरकारी संपत्ति को बेच दिया था

पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम मोहम्मद सादिक के पोते इफ्तिखार सादिक के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने कथित रूप से खाली संपत्ति के एक हिस्से को बेच दिया था।

यह खाली संपत्ति 1947 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहने वाले एक शख्स की थी, जिसने जम्मू-कश्मीर सरकार को अपना संरक्षक बनाया था।

 

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