जम्मू हमला: जैश के तीन आतंकी ढेर, सेना से मुठभेड़ जारी

जम्मू के बाहरी इलाके सुंजवान में स्थित सैन्य शिविर पर तडक़े जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले में एक जेसीओ और एक जवान शहीद हो गए। शिविर के फैमिली क्वार्टर में रहने वाले जेसीओ की बेटी व चार जवान इस फिदायीन हमले में

Update: 2018-02-11 04:05 GMT

जम्मू: जम्मू के बाहरी इलाके सुंजवान में स्थित सैन्य शिविर पर तडक़े जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले में एक जेसीओ और एक जवान शहीद हो गए। आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ अब भी जारी है। मुठभेड़ में अबतक 3 आतंकी ढेर हो चुके हैं।

इस घर को उड़ाने से पहले सुरक्षाबल इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि वहां कोई महिला या बच्चे न हों। पूरे इलाके की हेलिकॉप्टर से निगरानी की जा रही हैं दूसरी ओर जम्मू कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता ने कहा है कि आतंकवादियों ने इस महले में रोहिंग्या मुसलमानों का इस्तेमाल किया है।

हमले में दो जेसीओ शहीद हो गए हैं, जबकि चार लोग घायल हो गए हैं।आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन को सुंजवां में चल रहे ऑपरेशन और हालिया स्थिति के बारे में जानकारी दी है। इस ऑपरेशन में वायु सेना भी शामिल हो गई है। ऑपरेशन के लिए उधमपुर से पैरा कमांडो बुला लिए गए हैं।

सेना पर हुए आतंकी हमले पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर कविंद्र गुप्ता ने बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू में हुए इस फिदाय़ीन हमले में रोहिंग्या का हाथ हो सकता है। उन्होंने आशंका जताई कि आतंकवादियों ने जम्मू में रह रहे रोहिंग्या को अपना हथियार बनाकर इस हमले को अंजाम दिया है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इस हमले का गुस्सा दिख रहा है। वहां विधायक पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं।

जम्मू में काफी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी

जम्मू में काफी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी शरण लिए हुए हैं। जम्मू में अक्सर ऐसी आवाजें उठती रही हैं जिसमें रोहिंग्या शरणार्थियों के आतंकी घटनाओं में शामिल होने की बात कही जाती है। वैसे अभी तक उनके किसी आतंकी हमले में शामिल होने की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष के बयान से रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर नई बहस शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।

शिविर के फैमिली क्वार्टर में रहने वाले जेसीओ की बेटी व चार जवान इस फिदायीन हमले में घायल हुए हैं। जैश ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

सेना ने फैमिली क्वार्टर घेरा

जैश के आतंकियों ने हमले के लिए तडक़े का समय चुना। जम्मू-कश्मीर में अधिकांश आतंकी हमले तडक़े ही हुआ करते हैं। शिविर में घुसने वाले आतंकियों की सही संख्या तो अभी नहीं पता चल सकी है मगर माना जा रहा है कि शिविर में तीन से चार आतंकी घुसे हैं। ये आतंकी जबर्दस्त गोलीबारी करते हुए शिविर में घुसे। आतंकियों के हमले के तुरंत बाद ही सेना एक्शन में आ गयी। सेना ने फैमिली क्वार्टर में आतंकियों को घेर लिया है। वहां सैन्य कार्रवाई जारी है। दोनों ओर से रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही है।

तडक़े पांच बजे किया हमला

जम्मू के पुलिस आईजी एसडी सिंह जांवाल ने हमले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह हमला तडक़े 4.55 बजे किया गया। संतरी ने उस समय सैन्य शिविर के मेन गेट पर संदिग्ध गतिविधियां देखीं। आतंकियों ने तुरंत ही संतरी के बंकर पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। सेना की ओर से इस फायरिंग का जवाब दिया गया मगर आतंकी शिविर में घुसने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि शिविर में घुसने वाले आतंकियों की सटीक संख्या की अभी जानकारी नहीं मिल सकी है। सेना ने फैमिली क्वार्टर को चारों ओर से घेर रखा है। आतंकियों को मार गिराने के लिए सेना का ऑपरेशन अभी जारी है।

सुरक्षा में बड़ी चूक

अब यह सवाल उठाया जा रहा है कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद आतंकी शिविर में घुसने में कैसे कामयाब हुए। शुक्रवार को अफजल गुरु की बरसी पर अतिरिक्त सावाधानी बरतने के आदेश दिए गए थे। जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट घोषित किया गया था। आशंका जताई गयी थी कि जैश के आतंकी इस दिन कोई आतंकी हमला कर सकते हैं। इसके बावजूद हुए इस हमले को बड़ी चूक माना जा रहा है।

नाले के जरिये शिविर तक पहुंचे आतंकी

शिविर के बगल में टिकरी नाला है। सैन्य सूत्रों को आशंका है कि आतंकी इसी नाले के जरिये शिविर तक पहुंचने में कामयाब हुए और शिविर के गेट पर पहुंचते ही उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।

आसपास के स्कूलों में बंदी

सैन्य कार्रवाई को देखते हुए सुंजवान सैन्य शिविर के आसपास स्थित सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। एक वरिष्ठï अधिकारी ने इस बाबत बताया कि शिविर पर आतंकी हमले को देखते हुए स्कूलों में बंदी का आदेश जारी किया गया है।

राजनाथ ने की डीजीपी से बातचीत

आतंकी हमले के बाद दिल्ली से पल-पल की जानकारी ली जा रही है। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस बाबत जम्मू-कश्मीर के डीजीपी से बात की और पूरी घटना की जानकारी ली। गृह मंत्रालय के अधिकारियों को पूरे मामले पर नजर रखने के आदेश दिए गए हैं। जम्मू में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

इस साल घाटी में हुए बड़े हमले:

10 फरवरी, 2018 जम्मू-कश्मीर में जम्मू-पठानकोट हाइवे पर स्थित सुन्जवान आर्मी कैंप पर शनिवार को आतंकी हमला हुआ। घटना के बाद सेना और पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है।

7 फरवरी, 2018 जम्मू-कश्मीर के अखनूर में आईईडी ब्लास्ट में भारतीय सेना के तीन जवान सहित 6 लोग घायल हो गए।

6 फरवरी, 2018 जम्मू-कश्मीर में राजधानी श्रीनगर में महाराजा हरिसिंह अस्पताल पर आतंकियों ने हमला कर एक पाकिस्तानी आतंकी को छुड़ा लिया। आतंकी का वहां पर इलाज चल रहा था। इस हमले में आतंकी मौजूद सुरक्षा कर्मी का हथियार में छीनकर भाग गए। इस हमले में एक पुलिस कर्मी मौके पर ही शहीद हो गया जबकि एक अन्य घायल पुलिसकर्मी ने बाद में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

5 फरवरी, 2018 ककपोड़ा में आर्मी कैंप पर आतंकियों ने ग्रेनेड हमला किया। कोई हताहत नहीं।

03 फरवरी, 2018 त्राल में सीआरपीएफ पेट्रोलिंग पार्टी पर ग्रेनेड फेंका गया, चार घायल।

24 जनवरी, 2018 जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये जबकि मुठभेड़ स्थल के समीप प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई में एक किशोर की जान चली गयी।

6 जनवरी 2018 कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर में गश्त के दौरान चार पुलिसकर्मी एलईडी ब्लास्ट में शहीद हो गए। अधिकारियों ने बताया कि ये विस्फोटक आतंकियों ने'छोटा बाजार' और 'बड़ा बाजार' के बीच एक दुकान के पास प्लांट किया था। पुलिसकर्मी अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित हड़ताल को देखते हुए इलाके में गश्त कर रहे थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली है।

1 जनवरी, 2018 जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 31 दिसंबर को सीआरपीएफ के एक प्रशिक्षण केंद्र पर हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे और सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया है।

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