उमड़ा जन सैलाब: शहीद जवान को ऐसे दी गई विदाई, शोक में पूरा देश

यही लोगों का हुजूम उमड़ा जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जौनपुर के लाल जिलाजीत यादव की अंतिम यात्रा में।

Update: 2020-08-14 09:43 GMT
Martyr Jilajeet Yadav

जौनपुर: वैसे तो कोरोना वायरस के डर से लोग अपने घरों में कैद हैं। लेकिन बाद जब अब इस देश की और इस देश के असली हीरोज यानी हमारे जवानों की आती है तब इस देश के लोग अपना डर और अपनी पीर को छोड़ कर उनके साथ आ जाते हैं। और वो भी अगर बात हो इन असली हीरोज को सलामी देने की या उनकी अंतिम यात्रा में साथ चलने की तो पूरा देश एक साथ नज़र आता है। यही लोगों का हुजूम उमड़ा जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जौनपुर के लाल जिलाजीत यादव की अंतिम यात्रा में।

शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

जौनपुर के लाल जिलाजीत यादव जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए। जिसके बाद शहीद जिलाजीत के पार्थिव शरीर को शुक्रवार को पूरे सम्मान के साथ सलामी दी गई। शहीद के शव को उनके पैतृक गांव इजरी लाया गया। जिसके बाद शहीद के घर से रामघाट तक शव यात्रा निकली। जिसमें हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। भारत माता की जय के नारे लगाती भीड़ अंतिम दर्शन को आतुर दिखी।

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Martyr Jilajeet Yadav

12 अगस्त को जब जलालपुर थाना के बहादुरपुर इजरी गांव में जिलाजीत यादव के शहीद होने की खबर उनके घर वालों को मिली तो परिवार के लोगों का जैसे सब कुछ खतम हो गया हो। उन पर दुखों का पहाड़ सा टूट पड़ा। जिलाजीत यादव आरआर-53 बटालियन में पुलवामा में पोस्टेड थे। जिलाजीत 2014 मे सेना मे भर्ती हुए थे। वह सिपाही पद पर तैनात थे।

11 अगस्त को हुई थी मुठभेड़

Pulwama Terror Attack

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आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में मंगलवार 11 अगस्त की रात को सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में शहीद जिलाजीत यादव को गोली लग गई थी। जिसके बाद वो शहीद हो गए। इस दौरान सेना ने ऑपरेशन में एक आतंकी भी मारा गिराया। जिलाजीत के पिता कांता प्रसाद यादव का दो साल पहले ही निधन हो चुका है।

Martyr Jilajeet Yadav

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वह घर के इकलौते बेटे थे। उनके जाने के बाद अब उनके घर पर पत्नी पूनम अपने 7 माह के बच्चे के साथ मां उर्मिला हैं। वह जिलाजीत की शहादत की खबर सुनकर रह-रहकर बेहोश हो जा रही हैं। घर में अब जिलाजीत यादव के चाचा राम इकबाल यादव, जवाहर यादव ही परिवार मे बचे हैं। वह ही उनकी मां और पत्नी की देखभाल करते हैं।

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