Rajya Sabha: ‘आपकी टोन सही नहीं है...,’ अमिताभ बच्चन के नाम पर सभापति पर भड़क उठीं जया बच्चन, आएगा निंदा प्रस्ताव

Jaya bachchan: राज्यसभा में विपक्ष के इस हकरत पर केंद्रीय मंत्री एवं नेता सदन जेपी नड्डा सभापति का समर्थन किया और कहा कि विपक्ष के इस रवैये के खिलाफ सदन में निंदा प्रस्वात लाया जाएगा।

Newstrack :  Network
Update: 2024-08-09 08:35 GMT

 Jagdeep Dhankar vs Jaya Bachchan (सोशल मीडिया) 

Jagdeep Dhankar vs Jaya Bachchan: संसद के राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखंड और समाजवादी पार्टी (SP) जया बच्चन के बीच शुक्रवार को फिर तीखी नोक झोंक हुई। प्रश्नकाल के दौरान सपा सांसद बच्चन ने जगदीप धनखड़ की टोन पर दोबारा वही सवाल उठाए, जोकि कुछ दिन पहले उठाए थे। दरअसल, आज संसद की कार्यवाही के दौरान सभापति ने जब जया बच्चन का नाम पुकारा तो उन्होंने पूरा नाम जया अमिताभ बच्चन लिया। अमिताभ बच्चन के नाम जोड़ने पर जय बच्चन काफी आक्रोशित हो उठीं। जब सभापति जया बच्चन को जवाब देते हुए भड़क उठे तो पूरा विक्षप सदन में हंगामा करने लगा और 'दादागिरी नहीं चलेगी' का नारा लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर गया।

टोन पर सवाल मत उठाए, बर्दाश्त नहीं करूंगा

सभापति द्वारा अमिताभ बच्चन का नाम जोड़ने पर जया बच्चन प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं एक कलाकार हूं। मैं आपकी हाव-भाव समझ सकतीं हूं। इस पर जया को जवाब देते हुए सभापति धनखंड ने कहा कि आपने महान उपलब्धि हासिल की है, आप जानती हैं कि एक एक्टर डायरेक्टर का सब्जेक्ट है। आप मेरी टोन पर सवाल उठा रही हैं। इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा। आप सेलिब्रिटी हैं। इस पर विपक्ष ने कहा कि वे सदन की सीनियर मेंबर हैं, आप उन्हें आप इन्हें सेलिब्रिटी कैसे कह सकते हैं।

ये अपनी ड्यूटी से वॉकआउट कर रहे

विपक्ष के इस आरोप का भी सभापति ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सीनियर मेंबर चेयर को नीचा दिखा रही हैं। मेरे पास अपनी स्क्रिप्ट है। विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए। सभापति ने कहा कि ये चर्चा में शामिल नहीं होना चाहते। ये अपनी ड्यूटी से वॉकआउट कर रहे हैं। इसके बाद सभापति ने भारत छोड़ो आंदोलन से लेकर इमरजेंसी तक का जिक्र कर विपक्ष रवैये पर सवाल उठाए।

बाहर आकर मीडिया से ये बोंली जया बच्चन

सदन से वॉकआउट के बाद संसद परिसर के बाद मीडिया से बात करते हुए सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि 'वो डांटने वाले कौन होते हैं, मैं यह स्वतंत्रता किसी और को नहीं दे सकती। मेरे साथ अपमानजनक बर्ताव हुआ। वहां लहजा खराब है, कितना हम सहन करें? सत्तापक्ष के लोग कुछ भी बोलते हैं, उस पर हम कुछ कहें तो कहा जाता है कि चैम्बर में आकर बात करें। हम चैम्बर में क्यों जाएं? वहां फ्लोर पर ही बात होनी चाहिए।

उनके लहजे से परेशान थी

उन्होंने कहा ''वो बुद्धिहीन जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वो कहते हैं कि आप होंगी सेलिब्रिटी, हम परवाह नहीं करते। मत कीजिए परवाह, मैं सेलिब्रिटी नहीं, राज्यसभा सदस्य की हैसियत से यहां हूं। मैंने अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए लहजे पर आपत्ति जताई। हम स्कूली बच्चे नहीं हैं। हममें से कुछ तो बहुत ही वरिष्ठ हैं। मैं उनके लहजे से परेशान थी और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने माइक बंद कर दिया। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? अब आगे हमारे विपक्ष के नेता जो कहेंगे, हम वही करेंगे।

हमें विश्व रिकॉग्नाइज कर रहा

सभापति धनखंड ने 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि आज ये संसद छोड़ गए। विश्व हमें रिकॉग्नाइज कर रहा है। जनता विकास देख रही है। हम विकास यात्रा पर हैं। भारत शांतिपूर्ण देश है। भारत के पीएम को वैश्विक रिकॉग्नाइजेशन है। भारत ने लगातार तीसरी बार सरकार रिपीट करके इतिहास रच दिया है। कुछ लोग पड़ोसी देश का उदाहरण दे रहे हैं।

ये शांत रहने का समय नहीं

उन्होंने राइटविंग सोचा वालों से सदन के माध्मय से एक अपील की। सभापति ने कहा कि एक सेगमेंट नैरेटिव सेट कर रहा है, हमारी संस्थाओं को निशाना बना रहा है। सभी राइटविंग सोच वाले लोगों से अपील करता हूं कि ये शांत रहने का समय नहीं है। क्या हो रहा, देख रहे हैं। विपक्ष ने एलओपी एलओपी करते हुए वॉकआउट कर दिया।

विपक्ष के खिलाफ आएगा निंदा प्रस्ताव

राज्यसभा में विपक्ष के इस हकरत पर केंद्रीय मंत्री एवं नेता सदन जेपी नड्डा सभापति का समर्थन किया और कहा कि विपक्ष के इस रवैये के खिलाफ सदन में निंदा प्रस्वात लाया जाएगा। सभापति से नड्डा ने कहाकि ने कहा कि सत्ताधारी दल ही नहीं, पूरा देश आपके साथ खड़ा है। जिस तरह का व्यवहार आपके साथ हुआ है, वह गैरजिम्मेदाराना और अशोभनीय है। ये लोग इतने नीचे आ गए हैं कि पार्टी और व्यक्ति का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगे हैं। उनको माफी मांगनी चाहिए और सदन की मर्यादा की जो बात वे कहते हैं, उनको माफी मांगनी चाहिए। क्षेत्रीय पार्टियों का एजेंडा देश को कमजोर करने का बन गया है। सारी पार्टियां इस बात के लिए कि किसी भी तरह से हाउस न चले, इससे प्रेरित हैं।

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