कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस में भारी खींचतान, नहीं हो पा रहा कैबिनेट का गठन

Update:2018-05-28 13:27 IST

बंगलुरु: कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस में विभागों को लेकर भारी खींचतान चल रही है। कुमारस्वामी ने 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी मगर अभी तक उनकी कैबिनेट नहीं बन पाई है। कांग्रेस की नजर राज्य के मलाईदार विभागों पर लगी हुई है और यही कारण है कि यह मामला नहीं सुलझ पा रहा।

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इस मामले को जल्द निपटारा होने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं क्योंकि सोमवार को दिल्ली में होने के बावजूद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हो पाएगी। राहुल अपनी मां सोनिया गांधी का मेडिकल चेकअप कराने के लिए अमेरिका चले गए हैं। राहुल के एक हफ्ते बाद और सोनिया के और विलंब से देश लौटने की उम्मीद है।

कांग्रेस चाहती है महत्वपूर्ण विभाग

कांग्रेस-जेडीएस के बीच वित्त, गृह, पीडब्लूडी, ऊर्जा, सिंचाई और शहरी विकास विभाग को लेकर खींचतान चल रही है। शनिवार को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने इस बात को स्वीकार भी किया था। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस दरअसल इस बात का इंतजार कर रही है कि पहले जेडीएस विभागों की अपनी सूची सौंपे।

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कुमारस्वामी ने 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, कांग्रेस और जेडीएस के बीच मंत्री पद के बंटवारे को लेकर पेंच फंस जाने के कारण कैबिनेट का गठन नहीं हो पा रहा है। कुमारस्वामी पहले ही साफ कर चुके हैं वह सीएम पद कांग्रेस को नहीं देंगे और 5 साल तक खुद इस पर काबिज रहेंगे।

कांग्रेस को उन्होंने डिप्टी सीएम पद और विधानसभा स्पीकर पद दिया है। दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि उसके पास सीटें ज्यादा हैं तो उसे महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने चाहिए। साथ ही सीएम पद को लेकर भी कांग्रेसी जोर बनाए हुए हैं।

विभाग बंटवारे में लग सकता है और समय

जेडीएस-कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान का ही नतीजा है कि यह संभावना जताई जा रही है कि गठबंधन सरकार में मंत्रियों के विभाग बंटवारे में अभी और देर हो सकती है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने पुत्र और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हेल्थ चेकअप के लिए अमेरिका रवाना हो गई हैं।

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राहुल एक हफ्ते में स्वदेश लौटने की उम्मीद है, लेकिन सोनिया लंबे समय तक वहीं रुकेंगी। जानकार सूत्रों ने बताया कि इसी कारण विभाग बंटवारे को लेकर होने वाली बैठक को एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस बैठक के अब चार-पांच जून को होने की संभावना जताई जा रही है।

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हालांकि कर्नाटक मामलों के पार्टी प्रभारी केसी वेणुगोपाल का कहना है कि एक-दो दिन में विभागों का आवंटन हो जाएगा। उनका कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष की अनुपस्थिति इसमें कोई दिक्कत नहीं आएगी। वे चौबीसों घंटे फोन पर उपलब्ध हैं और उनसे बातचीत कर किसी भी विवाद का निपटारा किया जा सकता है। वैसे शनिवार को प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की राहुल गांधी के साथ पहले दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी।

भाजपा ने कसा तंज

राज्य में कैबिनेट का गठन न हो पाने पर भाजपा ने तंज कसा है। भाजपा ने ट्वीट किया कि हम सोनियाजी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। कर्नाटक की महिलाएं वहां कैबिनेट के गठन का इंतजार कर रही हैं ताकि सरकार अपना कामकाज शुरू कर सके। राहुल के ट्वीट का जवाब देते हुए भाजपा ने कहा कि क्या आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि देश छोडऩे से पहले कर्नाटक को काम करने वाली सरकार मिल जाएगी।

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मैं कांग्रेस की दया पर निर्भर: कुमारस्वामी

इस बीच मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने रविवार को कहा कि वह कर्नाटक के 6.5 करोड़ लोगों की नहीं बल्कि कांग्रेस की दया पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी (जेडीएस) ने पूर्ण बहुमत मांगा था मगर पार्टी को यह बहुमत नहीं हासिल हो सका।

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कुमारस्वामी की सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात होनी है। मुलाकात से पहले कुमारस्वामी ने भाजपा और अन्य किसान नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि किसानों के मामले में मैं एक कदम आगे हूं। कृषि ऋण माफी पर आपको मुझसे इस्तीफा मांगने की जरुरत नहीं है। अगर मैं ऐसा नहीं कर पाया तो मैं खुद इस्तीफा दे दूंगा। कृषि ऋण माफी मेरी प्राथमिकता है।

क्या आप एक हफ्ते इंतजार नहीं कर सकते अभी तक मंत्रिमंडल का गठन भी नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वह आत्महत्या जैसा कोई बड़ा कदम न उठाएं और एक हफ्ते इंतजार करें। मालूम हो कि भाजपा ने इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है और राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है।

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