LJP in NDA: ‘जदयू ने 2019 में उन्हें जमुई से हराने की साजिश रची थी’ चिराग का नीतीश पर बड़ा आरोप

LJP in NDA: चिराग पासवान ने आज यानी मंगलवार को अपनी पार्टी का एनडीए में पुनः शामिल होने की घोषणा कर दी।

Update:2023-07-18 16:10 IST
Chirag Paswan to be Part of NDA (Photo: Social Media)

LJP in NDA:दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे और लोक जनशक्ति पार्टी (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने आज यानी मंगलवार को अपनी पार्टी का एनडीए में पुनः शामिल होने की घोषणा कर दी। एनडीए की मीटिंग से ऐन पहले मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कई बातें साझा कीं। इस दौरान उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। चिराग ने बताया कि उन्हीं के चलते साल 2020 में उन्हें एनडीए से बाहर जाना पड़ा था।

चिराग पासवान ने आज एनडीए में शामिल होने की औपचारिक घोषणा करते हुए कहा कि पिछली बार हम एकमात्र सीट नहीं जीत पाए थे, इस बार चालीस की चालीस सीटें जीतने का लक्ष्य है। इस दौरान उन्होंने एकबार फिर खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताया। उन्होंने कहा कि जब हमारी पार्टी तोड़ी गई, तब हमें कई लोगों ने उकसाया कि मैं बीजेपी का साथ क्यों दूं ? लेकिन मैंने व्यकितगत लड़ाई को तरजीह न देते हुए, बिहार के लिए बीजेपी को समर्थन जारी रखा।

जदयू ने 2019 में मुझे जमुई से हराने की साजिश रची

जमुई से लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने प्रेसवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने जदयू पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें जमुई से हराने की कोशिश की गई। न केवल उन्हें बल्कि समस्तीपुर से उनके चाचा रामचंद्र पासवान और खगड़िया से सांसद महबूब अली कैसर समेत लोजपा के तमाम उम्मीदवारों को हराने की कोशिश जदयू की ओर से की गई।

चिराग पासवान ने कहा कि इसलिए 2020 में हमने बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट विजन के तहत पूरे राज्य में यात्रा निकाली और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की गठबंधन बीजेपी से था न कि जदयू से। इसलिए हमने चुनाव में जदयू के खिलाफ मजबूती से लड़ा। मालूम हो कि विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी पर आरोप लग रहे थे कि वो जानबूझकर नीतीश कुमार को कमजोर करने के लिए चिराग पासवान को बैक कर रही है।

एनडीए से बाहर होने के बाद भी पीएम का मिलता रहा साथ

जमुई सांसद ने कहा कि एनडीए से बाहर होने के बावजूद उनकी पार्टी ने हमेशा मुद्दों के आधार पर बिहार और देश में बीजेपी को समर्थन दिया। इसी के तहत वे बिहार में हुए उपचुनावों में बीजेपी नेताओं के घुमे। उन्होंने कहा कि एनडीए से बाहर होने के बाद भी प्रधानमंत्री और देश के गृह मंत्री का स्नेह उन्हें मिलता रहा। चिराग ने कहा कि हमने एनडीए में शामिल होने के लिए कोई शर्त नहीं रखी है और न ही केंद्रीय कैबिनेट में हिस्सेदारी मांगी है। हमारी बस कुछ चिंताएं थीं, जिसे हमने अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ मुलाकात के दौरान रखा था। उन्होंने उसे दूर करने का आश्वासन दिया है।

हाजीपुर सीट पर दावा कायम

जमुई से लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने हाजीपुर लोकसभा सीट पर अपना दावा कायम रखा है। उन्होंने दो टूक कहा कि इस पर समझौते का कोई सवाल ही नहीं उठता। क्योंकि ये सीट उनके पिता की पहचान से जुड़ी हुई है। दरअसल, इस सीट पर फिलहाल उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस काबिज हैं। पारस ने सिरे से चिराग के दावे को खारिज करते हुए कहा कि एनडीए से वो ही इस सीट के उम्मीदवार होंगे। ऐसे में बिहार की हाजीपुर सीट पर लोकसभा चुनाव के दौरान दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल सकती है।

बिहार एनडीए का स्वरूप

मंगलवार को दिल्ली में हो रही एनडीए की बैठक में जो दल बिहार से शामिल हो रहे हैं। वो हैं – लोजपा के दोनों गुट, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनता दल और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम)। इस प्रकार बिहार से कुल चार दल एनडीए में शामिल हैं। मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी की स्थिति फिलहाल साफ नहीं है। बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं। पिछली बार ये सीटें बीजेपी,जदयू और एलजेपी के बीच बंटी थीं। तब बिहार में एनडीए को बड़ी सफलता मिली थी। एनडीए 40 में से 39 सीटें जीत गई थी। राजद का तो खाता तक नहीं खुल पाया था। एकमात्र किशनगंज की सीट कांग्रेस ने जीती थी। जदयू-राजद-कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ आने के बाद क्या बीजेपी पिछला प्रदर्शन दोहरा पाएगी, देखना दिलचस्प होगा।

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