खूंखार 12 नक्सली: आतंक में झारखंड, अब होगा खात्मा, एक करोड़ का इनाम घोषित
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने 12 मोस्ट वांटेड नक्सलियों के विरुद्ध इनाम राशि की घोषणा की है। बारह नक्सलियों में से 04 पर एक-एक करोड़ की राशि का एलान किया गया है। चार नक्सलियों पर 25-25 लाख इनाम राशि देने की बात कही गई है।
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने 12 मोस्ट वांटेड नक्सलियों के विरुद्ध इनाम राशि की घोषणा की है। बारह नक्सलियों में से 04 पर एक-एक करोड़ की राशि का एलान किया गया है। चार नक्सलियों पर 25-25 लाख इनाम राशि देने की बात कही गई है। जबकि, 02 नक्सलियों पर 15-15 लाख और बाकी दो वांटेड नक्सलियों पर 10-10 लाख इनाम राशि देने की घोषणा की गई है। इससे पहले पुलिस मुख्यालय ने PLFI के उग्रवादियों पर 25 लाख रुएप तक की इनाम देने की घोषणा की थी। नक्सलियों और उनकी संपत्ति के बारे में सूचना देने वालों के नाम गुप्त रखने का भरोसा दिलाया गया है।
12 वांटेड नक्सलियों के नाम
वांटेड नक्सलियों की सूची में सबसे ऊपर मिसिर बेसरा का नाम है। इनके ऊपर 01 करोड़ इनाम राशि की घोषणा की गई है। प्रशांत बोस, असीम मंडल और अनल दा पर भी एक-एक करोड़ का इनाम रखा गया है। चमन उर्फ लंबू, लालचंद हेंब्रम, मोछू उर्फ मेहनत और अजय उर्फ अजय महतो पर 25-25 लाख इनाम राशि की घोषणा की गई है। अमित मुंडा और सुरेश सिंह मुंडा पर 15-15 लाख इनाम राशि देने की बात कही गई है। जीवन कंडूलना और महाराज प्रमाणिक पर 10-10 लाख रुपए इनाम राशि की घोषणा की गई है। इस बाबत झारखंड पुलिस मुख्यालय ने संबंधित अधिकारियों के फोन नंबर भी जारी किए हैं।
PLFI उग्रवादी पर इनाम की घोषणा
इससे पहले झारखंड पुलिस मुख्यालय ने प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PLFI के सरगना दिनेश गोप पर 25 लाख रूपए की इनाम राशि की घोषणा की। झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पहली बार दिनेश गोप समेत अन्य उग्रवादियों की तस्वीर के साथ इश्तेहार जारी किया। अबतक PLFI के मुखिया की तस्वीर आम नहीं थी। मुख्यालय ने संगठन के अन्य उग्रवादियों जिदन गुड़िया पर 15 लाख, तिलकेशवर गोप पर 10 लाख, अवधेश कुमार जायसवाल, अजय पूर्ति, सनिचर सुरीन और मंगरा लुगुन पर दो-दो लाख रुपए की इनाम राशि की घोषणा की।
ये भी पढ़ें: फरार हुआ दूल्हा: दहेज में नहीं मिली बुलट, जयमाल के बाद हुआ ऐसा
झारखंड नक्सल प्रभावित राज्य
झारखंड में कई सरकारें आईं और गईं लेकिन नक्सल और उग्रवाद की समस्या से राज्य को निजात नहीं मिल सकी। वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार के सामने भी नक्सल और उग्रवादी गतिविधि एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। आज भी राज्य के 24 में से ज्यादातर ज़िले नक्सल प्रभावित हैं। राज्य में भाकपा माओवादी के अलावा PLFI, तृतीय प्रस्तुति कमेटी यानी TPC और झारखंड जनमुक्ति परिषद यानी JJMP के उग्रवादी-नक्सली संगठन सक्रिय हैं। पूर्व की रघुवर दास सरकार के समय नक्सलियों को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया गया था। तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय ने भरोसा जताया था कि, नक्सलियों को सिर नहीं उठाने दिया जाएगा। हालांकि, धरातल पर आज भी नक्सली और उग्रवादी सक्रिय हैं। खास बात ये है कि, नक्सली-उग्रवादी जंगलों से निकल कर अब शहरों की तरफ रुख़ कर रहे हैं जिससे निपटना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
ये भी पढ़ें: मिला शराब का कुआं: आगरा के इस गांव पहुंचे सभी, कहानी ने चौंका दिया सभी को