झारखंड में PLFI का आतंक, पुलिस के कब्जे में सबजोनल कमांडर

रांची पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए संगठन के दुर्दांत सब ज़ोनल कमांडर कृष्णा यादव उर्फ सुल्तान जी उर्फ तूफान जी को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है।

Update:2020-12-03 19:49 IST
झारखंड में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन PLFI का आतंक। पुलिस के कब्जे में सबज़ोनल कमांडर।

रांची : झारखंड में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PLFI का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालत ये है कि, उग्रवादी संगठन जंगलों और गांवों से निकल कर शहरों तक आ पहुंचा है। लेवी, रंगदारी, धमकी और खूनी खेल के सहारे संगठन ने अपना व्यापक विस्तार किया है।

लिहाज़ा, दिनों दिन पीएलएफआई (PLFI) पुलिस के लिए सिर दर्द बनता जा रहा है। रांची पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए संगठन के दुर्दांत सब ज़ोनल कमांडर कृष्णा यादव उर्फ सुल्तान जी उर्फ तूफान जी को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। गिरफ्तारी के दौरान उग्रवादी के पास से बड़ी संख्या में हथियार बरामद हुए हैं।

 

कौन है उग्रवादी कृष्णा यादव

PLFI के सब ज़ोनल कमांडर कृष्णा यादव रांची के अलावा लातेहार, लोहरदगा, चतरा और हज़ारीबाग़ ज़िला में आतंक का पर्याय बना हुआ था। विकास कार्यों से जुड़े लोगों, ईंट भट्ठा मालिकों और कारोबारियों से लेवी वसूली को लेकर कई वारदात को अंजाम दे चुका है। खास बात ये है कि, उग्रवादी कृष्णा यादव के विरुद्ध राज्यभर के विभिन्न थानों में कुल 29 आपराधिक मामले दर्ज हैं। कृष्णा यादव की गिरफ्तारी लोहरदगा ज़िला के सेन्हा थाना क्षेत्र से हुई है। इसकी निशानदेही पर भारी तादाद में हथियार बरामद किए गए हैं।

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बरामद हथियारों का ब्योरा

 

PLFI उग्रवादी कृष्णा यादव की गिरफ्तारी के बाद उनकी निशानदेही पर बड़ी संख्या में हथियार बरामद हुए हैं। एक देसी कारबाईन के अलावा 13 ज़िंदा कारतूस, एक पिट्ठू बैग, संगठन का लेटर पैड और रोज़मर्रा की ज़रूरत में आने वाले सामान बरामद हुए हैं। उग्रवादी की गिरफ्तारी में लोहरदगा, खलारी, चान्हो और मांडर पुलिस की अहम भूमिका रही है।

 

शहरों तक उग्रवादियों की पहुंच

 

पिछले दिनों ही राजधानी रांची से पांच PLFI उग्रवादियों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया है। राजधानी समेत शहरी क्षेत्र अब उग्रवादी संगठनों के निशाने पर है। नक्सलियों की गतिविधियां भी शहरों तक पहुंच चुकी है। खासकर रांची के बुंडू और तमाड़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियां कई बार देखी गई हैं। इतना ही नहीं रांची शहर के अंदर भी नाम छिपाकर रहने वाले कई नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

 

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बड़े कारोबारियों और रसूखदार लोगों से लेवी वसूली करने में सहायक लोग शहरों में रहकर नक्सलियों की मदद करते हैं। चुटिया और नामकोम थाना क्षेत्र से ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में पुलिस के लिए ये परेशानी का सबब बना हुआ है। खास बात ये है कि, झारखंड के 24 में से ज्यादातर ज़िले नक्सल प्रभावित हैं। ऐसे में पुलिस को जंगलों के साथ ही शहरों में भी उग्रवादी और नक्सली संगठनों से मुकाबला करना पड़ रहा है।

 

रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट

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