भुखमरी से लड़ता क्रिकेटर: जीत चुका है गोल्ड मेडल, फिर भी कोई नहीं पूछने वाला
कोरोना वायरस से अब तक लाखों लोगों की जान जा चुकी हैं। इस वैश्विक महामारी का असर लोगों की रोजी-रोटी पर भी पड़ा है। रामगढ़ जिले के रहने वाले राज्य दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान जितेंद्र पटेल का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनकी स्थिति काफी बिगड़ गई है।
झारखंड: झारखंड के रामगढ़ से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां पर राज्य की दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान जितेंद्र पटेल की हालत बेहद खराब है। वो भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
अब तक लाल कार्ड भी नहीं मिला
कोरोना वायरस से अब तक लाखों लोगों की जान जा चुकी हैं। इस वैश्विक महामारी का असर लोगों की रोजी-रोटी पर भी पड़ा है। रामगढ़ जिले के रहने वाले राज्य दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान जितेंद्र पटेल का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनकी स्थिति काफी बिगड़ गई है। सरकारी पेंशन समय पर नहीं मिल पा रही है। सरकार की तरफ से उन्हें अब तक लाल कार्ड भी नहीं मिला है। घर में खाने के लाले पड़ चुके हैं।
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दो भाइयों के बीच आठ बहनें हैं
जितेंद्र के परिवार में दो भाइयों के बीच आठ बहनें हैं। चार की शादी हो चुकी है और अभी चार की शादी करनी है। बड़े भाई ने साथ छोड़ दिया तो सभी की जिम्मेदारी उसके कंधे पर आ गई है। इन तमाम चुनौतियों के बीच वो क्रिकेट को लेकर काफी सीरियस हैं। इसके लिए समय समय पर अपना अभ्यास करते रहते हैं।
तैराकी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं जितेंद्र
क्रिकेट के अलावा जितेंद्र राष्ट्रीय स्तर की तैराकी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। डांस इंडिया डांस टीवी शो में आने के बाद भी उनको कोई खास पहचान नहीं मिली थी। लेकिन वो अपनी माली हालत खराब होने के चलते काफी बुरी स्थिति में हैं।
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बहुमुखी प्रतिभा के धनी जितेंद्र
आपको जानकर हैरानी होगी जितेंद्र पांच बार कांवड़ लेकर बाबा धाम जल चढ़ाने जा चुके हैं। उन्होंने संकल्प लिया था कि वह ट्राई साइकिल से बाबाधाम जाएंगे और जल चढ़ाएंगे। लगातार पांच साल उन्होंने अपना संकल्प पूरा किया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी जितेंद्र ने बच्चों को कुछ समय तक डांस भी सिखाया, वह भी फ्री। बहुमुखी प्रतिभा के धनी होने के बावजूद वो इस खराब हालत में पहुंच गए हैं।