किसानों के लिए खुशखबरी: कर्ज माफ करेगी सरकार, यहां जानिए सब कुछ
सरकार में कृषि मंत्री ने यह दावा किया है कि किसानों के 50 हज़ार रुपए तक कर्ज केवल एक रुपये में माफ किया जाएगा। माना जा रहा है कि सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर किसानों को सौगात दिया जाएगा।
रांची: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने दावा किया है कि, 01 रुपए में किसानों के 50 हज़ार रुपए तक ऋण माफ किए जाएंगे। 29 दिसंबर को सरकार एक साल पूरा करने जा रही है। लिहाज़ा, इस मौके पर किसानों को सौगात दिया जाएगा। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों की क़र्ज़माफ़ी का वादा किया था। अब जबकि, सरकार के एक साल पूरे होने जा रहे हैं तो पार्टी को अपना मैनिफेस्टो याद आया है।
बिचौलियों की रोकथाम के लिए टास्क फोर्स
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा है कि, अगर ज़रूरत पड़ी तो बिचौलियों को रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। रांची में उन्होंने कहा कि, बड़ी तादाद में किसानों ने बिचौलियों के हाथों धान की बिक्री की है। लिहाज़ा, सरकार की ओर से मिलने वाले लाभ बिचौलिये उठा ले जा रहे हैं। लिहाज़ा, सरकार इसे लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि, इस बार सरकार ने धान ख़रीद पर तुरंत ही 50 प्रतिशत राशि बैंक खाते में भेजने का प्रावधान किया है। सरकार इस बात की भी तैयारी कर रही है कि, मोबाइल वैन के माध्यम से धान की ख़रीद की जाए।
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केंद्र सरकार का असहयोग
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा है कि, केंद्र के असहयोग के कारण किसानों को मदद करने में देरी हुई। कोरोना काल में राज्य सरकार ने केंद्र से आर्थिक सहयोग की मांग की थी। राज्य का जीएसटी और कोयला रॉयलटी का बकाया मांगा गया था ताकि, कृषकों को आर्थिक मदद दी जा सके। केंद्र ने एक पैसे की भी मदद नहीं की। लिहाज़ा, राज्य सरकार ने अपने खुद के संसाधन से 02 हज़ार करोड़ का इंतज़ाम किया है। इसी पैसे से किसानों की ऋण माफी का रास्ता साफ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस अपने वादे से मुकरने वाली नहीं है। केंद्र सरकार सहयोग करे या फिर असहयोगात्मक रुख रखे।
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हेमंत सरकार में किसान बदहाल
राज्य सरकार भले ही किसानों की हितैषी बनने का दावा करे लेकिन विपक्ष को ये सब नाटक लगता है। भाजपा के पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह का दावा है कि, राज्य में MSP पर धान की ख़रीद नहीं हो रही है। धान क्रय केंद्र में तरह-तरह के बहाने बनाकर किसानों को बैरंग लौटाया जा रहा है। ऐसे में किसान लागत से कम क़ीमत पर धान बेचने को मजबूर है। हेमंत सरकार के एक साल पूरे होने जा रहे हैं लेकिन किसानों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। किसानों की ऋण माफी और मुफ्त बिजली देने का वादा हवा हवाई निकला है। पिछली सरकार में शुरू किया गया किसान आशीर्वाद योजना को बंद कर दिया गया है। इससे साफ है कि, सरकार किसानों की हितैषी बनना का नाटक कर रही है।
रिपोर्ट- शाहनवाज़
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